आंखों की देखभाल के लिए सरल और प्रभावी उपाय
आंखों की कमजोरी के कारण
हम दिनभर कई ऐसे कार्य करते हैं जो हमारी आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं। इनमें मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर और लैपटॉप पर लंबे समय तक काम करना शामिल है। इसके अलावा, तेज रोशनी को अधिक समय तक देखना, नींद की कमी और पानी की कमी भी आंखों की सेहत पर बुरा असर डालते हैं।
आंखों की रोशनी में कमी
जब एक बार आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है, तो धीरे-धीरे आंखों का नंबर बढ़ता जाता है, जिसके कारण चश्मा लगाना पड़ सकता है। इस समस्या से निपटने के लिए चिकित्सा विज्ञान और आयुर्वेद दोनों में कई उपचार बताए गए हैं। चिकित्सा विज्ञान के अनुसार, आंखों में कई प्रकार के रोग हो सकते हैं, जिनका इलाज संभव है।
आयुर्वेदिक उपाय
आयुर्वेद में आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए कई प्रभावी औषधियों का उल्लेख किया गया है। इनका सेवन करने से आंखों की रोशनी में सुधार होता है और आंखों के रोग दूर होते हैं। प्राचीन आयुर्वेदाचार्यों ने एक सरल उपाय बताया है, जो सुबह उठते ही आंखों में बासी लार (थूक) लगाने का है।
बासी लार का लाभ
यह सुनकर आपको अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है। बासी लार लगाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और कई समस्याएं जैसे कंजक्टिवाइटिस, आंखों का दर्द, मोतियाबिंद, जलन और खुजली से राहत मिलती है। प्रतिदिन सुबह की बासी लार का उपयोग करने से आंखें स्वस्थ रहती हैं। इसमें 'सलाइवा पैरोटिड ग्लैंड हार्मोन' और एंटीबायोटिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल गुण होते हैं, जो आंखों की समस्याओं को दूर करते हैं। यह एक प्रभावी उपाय है जो प्राचीन चिकित्सा पद्धति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।