आंतरिक सफाई के लिए आयुर्वेदिक उपाय: शरीर को स्वस्थ रखने के तरीके
शरीर की आंतरिक सफाई का महत्व
हेल्थ कार्नर: स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने के लिए केवल बाहरी सफाई ही नहीं, बल्कि आंतरिक सफाई भी अत्यंत आवश्यक है। आजकल की खराब खान-पान और जीवनशैली के कारण शरीर में कई हानिकारक तत्व जमा हो जाते हैं, जो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। आयुर्वेद में शरीर की सफाई के लिए कई जड़ी-बूटियों का उल्लेख किया गया है, जिनका सेवन करके आंतरिक सफाई की जा सकती है।
शरीर में विषैले तत्वों के संकेत
यदि आप लगातार थकान, चेहरे पर मुंहासे, बालों का गिरना, पेट की समस्याएं, अपच या संक्रमण जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो यह संकेत है कि आपके शरीर में गंदगी जमा हो चुकी है, जिसे साफ करना आवश्यक है। खराब जीवनशैली और आहार के कारण शरीर बीमारियों का घर बन जाता है। एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 70 प्रतिशत लोग सुबह शौच के समय पेट साफ नहीं कर पाते हैं।
आंतरिक सफाई के लिए घरेलू उपाय
आम के पत्ते आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण तत्व हैं। इनका सेवन दिल की बीमारियों के खतरे को कम करता है। आम की पत्तियों का चूर्ण रोजाना खाने से पहले लेने से शरीर में जमा विषैले तत्व पेशाब के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं, जिससे स्वास्थ्य बेहतर होता है।
नुस्खा तैयार करने के लिए, आम की पत्तियों को सुखाकर बारीक पीसकर पाउडर बना लें और इसे भोजन से 20 मिनट पहले आधा चम्मच लें।
हाई ब्लड प्रेशर के लिए फायदेमंद
हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए भी आम की पत्तियां लाभकारी होती हैं। इनका काढ़ा बनाकर पीने से कुछ ही दिनों में राहत मिल सकती है।
हरड़ या हरीतकी का उपयोग
आम की पत्तियों के अलावा, हरड़ या हरीतकी का सेवन भी फायदेमंद है। आयुर्वेद के अनुसार, हरड़ का आंतों पर सकारात्मक प्रभाव होता है। यह नियमित रूप से आंतों की सफाई में मदद करती है।
हरड़ में 18 प्रकार के अमीनो अम्ल होते हैं, जो इसे विशेष बनाते हैं। यह न केवल पेट साफ करने में मदद करती है, बल्कि बवासीर और दस्त जैसी समस्याओं में भी लाभकारी होती है।