आखिर क्यों रोने के बाद आंखें हो जाती हैं सूजी? जानें इसके पीछे का विज्ञान
आंसू और उनकी संरचना
जब हम भावनाओं में बहकर रोते हैं, तो मन को हल्का महसूस होता है, लेकिन आंखें भारी और सूजी लगती हैं। आपने भी देखा होगा कि जब हम ज्यादा रोते हैं, तो आंखें लाल और आसपास का हिस्सा फूला हुआ नजर आता है। यह केवल भावनात्मक प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि शरीर में हो रही एक वैज्ञानिक प्रक्रिया का परिणाम है। तो सवाल यह है कि रोने के बाद आंखें गुब्बारे जैसी क्यों सूज जाती हैं?
आंसू: केवल पानी नहीं
कई लोग सोचते हैं कि आंसू सिर्फ पानी होते हैं, लेकिन वास्तव में ये एक जटिल मिश्रण होते हैं, जिसमें नमक, प्रोटीन और हार्मोन्स शामिल होते हैं। जब हम अत्यधिक रोते हैं, तो आंखों की ग्रंथियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं, जिससे आसपास की त्वचा पर प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि आंखों की नाजुक त्वचा फैल जाती है और सूजन आने लगती है।
नमक और ऑस्मोसिस का प्रभाव
आंसुओं में मौजूद नमक आंखों के नीचे की कोशिकाओं से पानी खींच लेता है, जिससे सूजन बढ़ जाती है। इसे विज्ञान में 'ऑस्मोसिस' कहा जाता है। यही प्रक्रिया आंखों को फुला देती है और उन्हें गुब्बारे जैसी दिखने लगती हैं।
चेहरे की मांसपेशियों पर दबाव
लगातार रोने से आंखों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे चेहरे की मांसपेशियों पर भी असर होता है और रक्त प्रवाह तेज हो जाता है। इसका परिणाम यह होता है कि चेहरा और आंखें दोनों लाल नजर आने लगते हैं। जब हम रोते हैं, तो आंसू केवल आंखों से नहीं बहते, बल्कि नाक से जुड़े मार्ग 'नासोलैक्रिमल डक्ट' से भी गुजरते हैं। इससे नाक बहने लगती है और चेहरे के ऊपरी हिस्से पर दबाव बढ़ता है, जो आंखों की सूजन में योगदान देता है, खासकर जब कोई लंबे समय तक रोता है।
भावनात्मक राहत और शारीरिक प्रभाव
हालांकि रोना मानसिक रूप से सुकून दे सकता है, लेकिन यह शरीर, विशेषकर चेहरे और सिर के हिस्से को भारी भी बना देता है। लंबे समय तक रोने से आंखों के साथ-साथ सिर में भी भारीपन और थकावट महसूस होने लगती है।
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें.