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आजमगढ़ में जाम की समस्या के समाधान के लिए फोरलेन सड़क परियोजना

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में जाम की समस्या को खत्म करने के लिए 70 करोड़ रुपये की लागत से फोरलेन सड़क परियोजना की शुरुआत की गई है। इस परियोजना का उद्देश्य शहर की भीड़भाड़ को कम करना और यातायात को सुगम बनाना है। सड़क का निर्माण दो चरणों में होगा, जिसमें भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शामिल है। जानें इस महत्वपूर्ण परियोजना के बारे में और कैसे यह शहर के विकास में योगदान देगी।
 

फोरलेन सड़क निर्माण की योजना


उत्तर प्रदेश समाचार: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में जाम की समस्या को समाप्त करने के लिए 70 करोड़ रुपये की लागत से एक फोरलेन सड़क परियोजना पर काम शुरू हो गया है। भूमि अधिग्रहण के लिए सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ हो चुका है। इस परियोजना का उद्देश्य शहर की भीड़भाड़ को कम करना और यातायात को सुगम बनाना है। शासन ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। फोरलेन सड़क के निर्माण से भारी वाहनों को शहर से बाहर निकालना आसान होगा।


परियोजना की विस्तृत जानकारी

यातायात की समस्या का समाधान

शहर में बढ़ते ट्रैफिक के कारण लोगों को यात्रा के दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बाईपास को फोरलेन में बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे जाम की समस्या का समाधान जल्द ही होगा। PWD ने शासन से मंजूरी मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की, जो हाल ही में पूरी हुई। यह सड़क दो चरणों में बनाई जाएगी। पहले चरण में 35 करोड़ रुपये की लागत से नरौली पुल से करतालपुर तिराहे तक और दूसरे चरण में 35 करोड़ रुपये की लागत से करतालपुर से भंवरनाथ तक फोरलेन सड़क का निर्माण होगा। इसके लिए भूमि अधिग्रहण किया जाएगा, जिसके लिए संबंधित अधिकारियों को जांच करने का आदेश दिया गया है।


भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया

सड़क के दोनों किनारों पर भूमि खरीदने की योजना

इस सड़क के निर्माण के लिए सड़क के बीच से 15-15 मीटर भूमि की आवश्यकता होगी। राजस्व कर्मियों ने इस संबंध में डेटा एकत्र किया है। सरकारी भूमि को छोड़कर अन्य भूमि के मालिकों को मुआवजा दिया जाएगा।


सड़क का महत्व

वाराणसी-लुंबिनी फोरलेन से सीधा जुड़ाव

आजमगढ़ जिला भंवरनाथ के बाद वाराणसी-लुंबिनी फोरलेन से जुड़ता है। फोरलेन बनने के बाद, यह नरौली पर आजमगढ़-मऊ फोरलेन और भंवरनाथ से सीधे वाराणसी-लुंबिनी फोरलेन से जुड़ेगा। इससे लोगों को यात्रा में आसानी होगी। नरौली से भंवरनाथ तक फोरलेन का निर्माण पूरा हो चुका है। अब बॉंड आदि भरने की प्रक्रिया शुरू होगी, और इसका कार्य लगभग एक महीने में प्रारंभ होने की उम्मीद है।