आयकर विभाग की सख्ती: फर्जी रिफंड पर कार्रवाई से बढ़ी जागरूकता
ITR फाइलिंग में सुधार
ITR Filing: आयकर विभाग ने ITR फाइलिंग को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनका प्रभाव अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। विभाग ने करदाताओं को सही दिशा-निर्देश प्रदान करने के साथ-साथ फर्जी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और धोखाधड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की है। इस प्रयास का असर Google Trends पर भी देखने को मिला है, जहां 'Income Tax Department' पिछले 15 दिनों से शीर्ष कीवर्ड्स में ट्रेंड कर रहा है।
सरकार का सर्कुलर
वित्त मंत्रालय ने जारी किया सर्कुलर
हाल ही में, सरकार ने एक आधिकारिक संदेश जारी कर फर्जीवाड़े का खुलासा किया। इसमें बताया गया कि कुछ करदाताओं ने फर्जी कटौतियों और छूट के माध्यम से रिफंड प्राप्त किया। आयकर विभाग ने इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। 14 जुलाई को वित्त मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें बताया गया कि कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और पेशेवर मध्यस्थ करदाताओं को फर्जी कटौतियों के जरिए अधिक रिफंड दिलाने में मदद कर रहे थे।
छापेमारी की कार्रवाई
200 स्थानों पर छापेमारी
वित्त मंत्रालय के सर्कुलर के बाद, आयकर विभाग ने देशभर में 150 से 200 स्थानों पर छापेमारी की। ये छापे उन संस्थाओं और व्यक्तियों पर केंद्रित थे, जो राजनीतिक दान, ट्यूशन फीस और स्वास्थ्य खर्च जैसे मदों में फर्जी दावे कर रहे थे।
आयकर विभाग की कार्रवाई का प्रभाव
दिखा आयकर विभाग के कार्यवाही का असर
इस कार्रवाई में आयकर विभाग ने AI और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग किया। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि कई करदाताओं ने फर्जी रसीदों और दस्तावेजों के आधार पर गलत रिफंड प्राप्त किया। कुछ मामलों में, TDS रिटर्न में भी धोखाधड़ी का पता चला। आयकर विभाग की कार्रवाई का सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिला है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों में लगभग 40,000 करदाताओं ने स्वेच्छा से अपने गलत दावों को वापस लिया है, जिनकी कुल राशि लगभग 1,045 करोड़ रुपये थी।
धोखाधड़ी में सरकारी कर्मचारी शामिल
धोखाधड़ी में सरकारी कर्मचारी भी शामिल
जांच में यह भी सामने आया कि सरकारी कर्मचारी, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कार्यरत पेशेवर भी इस धोखाधड़ी में शामिल थे। कई मामलों में, लोग व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से फर्जी रिफंड प्राप्त करने के तरीके सीख रहे थे। इन ग्रुप के जरिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने और झूठे दावे दायर करने की जानकारी साझा की जा रही थी।
ईमानदार करदाताओं की मदद
आयकर विभाग का यह अभियान न केवल कर चोरी को रोकने में सहायक है, बल्कि ईमानदार करदाताओं को सही मार्गदर्शन देकर उनकी सहायता भी कर रहा है।