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आरबीआई ने ब्याज दर में 0.50% की कमी की, लोन और ईएमआई होंगे सस्ते

भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की कमी की है, जिससे यह 5.50 प्रतिशत पर आ गई है। यह निर्णय आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लिया गया है, जिससे लोन और ईएमआई सस्ते होंगे। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस कटौती के पीछे के कारणों का उल्लेख किया है और जीडीपी पूर्वानुमान को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखा है। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के सभी पहलुओं के बारे में।
 

आरबीआई की MPC बैठक के लाइव अपडेट


भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो दर को 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.50 प्रतिशत कर दिया है। यह कटौती आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई है, जिससे वित्त वर्ष 2025 में यह दर चार साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। इस निर्णय से लोन सस्ते होंगे और ईएमआई में भी कमी आएगी।


तीन साल में सबसे कम रेपो दर

ब्याज दरों में इस कमी के बाद, प्रमुख नीतिगत दर 5.5 प्रतिशत पर आ गई है, जो तीन वर्षों में सबसे कम है। यह दर आवास, ऑटो और कॉर्पोरेट ऋण लेने वालों के लिए राहत प्रदान करेगी। पिछली बार यह दर 5 अगस्त, 2022 को 5.40 प्रतिशत थी।


आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा का बयान

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने व्यापक आर्थिक और वित्तीय विकास के आकलन के बाद रेपो दर में 50 आधार अंकों की कमी का निर्णय लिया। फरवरी 2025 से, आरबीआई ने नीति दर में 100 आधार अंकों की कमी की है।


जीडीपी पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत पर स्थिर

मल्होत्रा ने बताया कि लगातार 100 आधार अंकों की कटौती के बाद मौद्रिक नीति के पास वृद्धि को समर्थन देने के लिए सीमित गुंजाइश बची है। कोविड-19 के बाद यह पहली बार है जब आरबीआई ने लगातार तीन बार दरों में कटौती की है। हालांकि, उन्होंने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी पूर्वानुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।