आरबीआई ने महंगाई और अर्थव्यवस्था की समझ के लिए तीन महत्वपूर्ण सर्वेक्षण शुरू किए
आरबीआई का नया कदम
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश की आर्थिक स्थिति और महंगाई के बारे में जनता की राय जानने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। शुक्रवार को, आरबीआई ने तीन महत्वपूर्ण सर्वेक्षणों की शुरुआत की, जिनसे लोगों की उम्मीदें, खर्च करने की आदतें और आर्थिक दृष्टिकोण की जानकारी प्राप्त की जाएगी। इन सर्वेक्षणों के परिणाम मौद्रिक नीति (Monetary Policy) के निर्णयों को सीधे प्रभावित करेंगे।
सर्वेक्षणों का उद्देश्य
आरबीआई हर तिमाही ऐसे सर्वेक्षण आयोजित करता है ताकि यह समझा जा सके कि लोगों की महंगाई, रोजगार और आय के बारे में क्या अपेक्षाएँ हैं। इस बार नवंबर 2025 के राउंड के तहत तीन प्रमुख सर्वेक्षण शुरू किए गए हैं —
1. इंफ्लेशन एक्सपेक्टेशन सर्वे ऑफ हाउसहोल्ड्स (IESH)
2. अर्बन कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे (UCCS)
3. रूरल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे (RCCS)
IESH सर्वे का विवरण
IESH सर्वे का उद्देश्य: यह सर्वे देश के 19 शहरों में किया जा रहा है। इसमें परिवारों से पूछा जाएगा कि उन्हें आने वाले महीनों में महंगाई बढ़ने या घटने की कितनी उम्मीद है। यह सर्वे रोजमर्रा की खपत वाली वस्तुओं की कीमतों पर आधारित होगा।
UCCS और RCCS सर्वे का महत्व
UCCS सर्वे: यह सर्वे शहरों में रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति, रोजगार, कीमतों के स्तर, आय और खर्च पर उनकी राय जुटाएगा, जिससे यह पता लगाया जा सकेगा कि शहरी उपभोक्ताओं का आर्थिक भरोसा कितना मजबूत है।
RCCS सर्वे: यह ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में किया जाएगा। इसमें 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लोगों से यह जाना जाएगा कि वे वर्तमान आर्थिक हालात और अगले एक साल की संभावनाओं को कैसे देखते हैं।
सर्वेक्षणों का महत्व
महत्व: आरबीआई का कहना है कि इन सर्वेक्षणों के परिणाम मौद्रिक नीति समिति (MPC) के लिए महत्वपूर्ण इनपुट साबित होते हैं। इनके माध्यम से यह समझने में मदद मिलती है कि आम जनता को महंगाई, रोजगार और आय में आने वाले समय में किस तरह के बदलाव की उम्मीद है।