आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: भविष्य में नौकरी और आर्थिक असमानता का खतरा
AI का प्रभाव और भविष्य की चुनौतियाँ
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आगमन ने मानव जीवन को कई तरीकों से सरल बना दिया है। लेकिन इसके साथ ही, यह नई तकनीक कुछ गंभीर समस्याएँ भी उत्पन्न कर रही है। AI अब मानव श्रम का प्रतिस्थापन बनता जा रहा है, जिससे कई क्षेत्रों में नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है।
गूगल के पूर्व कार्यकारी Mo Gawdat ने हाल ही में एक बयान में चेतावनी दी है कि अगले 15 वर्षों में AI मानवता के लिए गंभीर चुनौतियाँ पेश करेगा। उनका कहना है कि 2027 से यह प्रक्रिया शुरू होगी, जब AI कई कार्यों को अपने हाथ में ले लेगा।
Gawdat ने 'डायरी ऑफ CEO' पॉडकास्ट में कहा कि AI आने वाले समय में उच्च शिक्षा की आवश्यकता वाली नौकरियों को समाप्त कर देगा। उन्होंने अपनी स्टार्टअप कंपनी Emma.love का उदाहरण देते हुए बताया कि पहले इस कंपनी को चलाने के लिए 350 कर्मचारियों की आवश्यकता थी, जबकि अब केवल 3 लोग ही इसे संभाल रहे हैं।
उनका मानना है कि AI का लाभ केवल कुछ धनी और शक्तिशाली व्यक्तियों को मिलेगा, जबकि आम लोगों की नौकरियाँ समाप्त हो जाएंगी।
पॉडकास्ट में Gawdat ने यह भी बताया कि AI के कारण नौकरी खत्म होने से आर्थिक असमानता बढ़ेगी। इससे लोग न केवल अपनी आजीविका खो देंगे, बल्कि जीवन का उद्देश्य भी भुला देंगे, जिससे मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ, अकेलापन और सामाजिक विभाजन बढ़ेगा। उनका कहना है कि मध्यवर्ग का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।