इंफोसिस ने तेज़ किया भर्ती अभियान, शुरू किया नया रेफरल प्रोग्राम
इंफोसिस का नया भर्ती अभियान
हालिया जानकारी के अनुसार, इंफोसिस ने भारत में अपने लैटरल हायरिंग प्रयासों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। कंपनी ने एक नया रेफरल प्रोग्राम पेश किया है, जिसके तहत कर्मचारियों को योग्य उम्मीदवारों की सिफारिश करने पर आकर्षक नकद पुरस्कार दिए जाएंगे। यह कदम तब उठाया गया है जब देश की प्रमुख आईटी कंपनी टीसीएस ने हाल ही में लैटरल हायरिंग पर रोक लगा दी है और अपने कार्यबल में बड़े पैमाने पर कटौती की है।
रेफरल प्रोग्राम के लाभ
इंफोसिस के इस रेफरल प्रोग्राम के तहत विभिन्न जॉब लेवल के लिए अलग-अलग पुरस्कार निर्धारित किए गए हैं। जॉब लेवल 3 के लिए ₹10,000, लेवल 4 के लिए ₹25,000, लेवल 5 के लिए ₹35,000 और लेवल 6 के लिए ₹50,000 तक की राशि दी जाएगी। इस प्रोग्राम का उद्देश्य डेवलपर, टेक्नोलॉजी लीड, मैनेजर, VOIP एक्सपर्ट, डेटा एनालिस्ट, ब्लॉकचेन डेवलपर और जावा स्पेशलिस्ट जैसे पदों के लिए अनुभवी पेशेवरों की भर्ती करना है।
अनुभव और विविधता पर ध्यान
कंपनी के सूत्रों के अनुसार, इंफोसिस उन उम्मीदवारों को प्राथमिकता दे रही है जिनके पास कम से कम दो साल का अनुभव हो, जबकि कुछ वरिष्ठ पदों के लिए 13 से 15 साल का अनुभव आवश्यक है। इसके अलावा, कंपनी विविधता और समावेशन पर भी जोर दे रही है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो करियर ब्रेक के बाद फिर से काम पर लौटना चाहती हैं।
भर्ती प्रक्रिया का विस्तार
यह रेफरल ड्राइव दिल्ली, पुणे, नोएडा, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, तिरुवनंतपुरम, मैसूर, चंडीगढ़ और हुबली जैसे शहरों में स्थित इंफोसिस के डेवलपमेंट सेंटर्स में चल रही है। कंपनी की वार्षिक लैटरल हायरिंग ड्राइव का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के जाने से खाली हुई जगहों को भरना और चल रहे व नए प्रोजेक्ट्स को समर्थन देना है।
इंटरव्यू के लिए प्रोत्साहन
दिलचस्प बात यह है कि इंफोसिस अपने वरिष्ठ कर्मचारियों को इंटरव्यू लेने के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है। जानकारी के अनुसार, हर इंटरव्यू के लिए उन्हें ₹700 का इनाम दिया जाएगा, जिससे कंपनी अपने आंतरिक नेटवर्क के माध्यम से तेज़ और प्रभावी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करना चाहती है।
टीसीएस की स्थिति
वहीं दूसरी ओर, टीसीएस ने हाल के महीनों में 12,000 से 20,000 नौकरियों में कटौती की है। कंपनी ने पिछले महीने 650 नए कर्मचारियों को नियुक्त करने के बाद फिलहाल लैटरल हायरिंग को रोक दिया है। यह निर्णय ऑटोमेशन, व्यवसायिक पुनर्गठन और भविष्य की तकनीकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
उद्योग विशेषज्ञों की राय
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि इंफोसिस का यह कदम न केवल भर्ती प्रक्रिया को तेज करेगा बल्कि कंपनी की संस्कृति के अनुरूप उपयुक्त उम्मीदवारों को जोड़ने में भी मदद करेगा। इसके अलावा, कर्मचारी रेफरल से मिलने वाले उम्मीदवारों की स्थायित्व दर अधिक होती है, जिससे दीर्घकालिक उत्पादकता भी बढ़ती है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, इंफोसिस जहां एक ओर कर्मचारियों की मदद से नए टैलेंट को जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर रेफरल अभियान चला रही है, वहीं टीसीएस उद्योग में आए बदलावों और ऑटोमेशन के दबाव के चलते अपने विस्तार को सीमित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। यह रुझान आईटी क्षेत्र में बदलते कारोबारी माहौल और नई तकनीकों की मांग को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।