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उत्तर प्रदेश में ड्रोन गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध

उत्तर प्रदेश में ड्रोन गतिविधियों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यदि कोई व्यक्ति ड्रोन का उपयोग करके दहशत फैलाने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होगा, और जीरो टॉलरेंस नीति के तहत ड्रोन गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। जानें इस नए आदेश के पीछे की वजह और सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम।
 

ड्रोन पर प्रतिबंध का निर्णय

ड्रोन प्रतिबंध: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में ड्रोन के उड़ने की अफवाहों ने स्थानीय निवासियों और प्रशासन में चिंता का माहौल बना दिया है। इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रमुख सचिव और डीजीपी के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की और सख्त निर्देश जारी किए।


सख्त कार्रवाई का आश्वासन

बैठक के बाद, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति ड्रोन का उपयोग करके दहशत या अफवाह फैलाने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। यदि स्थिति गंभीर होती है, तो राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) भी लागू किया जाएगा।


तकनीक का दुरुपयोग

तकनीक का गलत इस्तेमाल

मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक का दुरुपयोग करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। अफवाह फैलाना या लोगों में भय उत्पन्न करना कानून व्यवस्था के खिलाफ है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


ड्रोन गतिविधियों की निगरानी

ड्रोन गतिविधियों की निगरानी 

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी जिलों में ड्रोन गतिविधियों की निगरानी की जाए और बिना अनुमति के उड़ाए जा रहे ड्रोन पर तुरंत रोक लगाई जाए। इसके लिए जिलों में ड्रोन मॉनिटरिंग सिस्टम को मजबूत करने और नियमित पेट्रोलिंग के आदेश दिए गए हैं, ताकि जनता में सुरक्षा का भरोसा बना रहे।


अनुमति लेना अनिवार्य

प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी समारोह, सभा या सार्वजनिक आयोजन में ड्रोन संचालन के लिए पहले प्रशासन से अनुमति लेना आवश्यक होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।


जीरो टॉलरेंस नीति

जीरो टॉलरेंस नीति 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे इस दिशा में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएं। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग केवल सकारात्मक उद्देश्यों के लिए किया जाए।


संदिग्ध गतिविधियों की जांच

ड्रोन गतिविधियों की जांच 

सूत्रों के अनुसार, कुछ संदिग्ध ड्रोन गतिविधियों की जांच की जा रही है। इसमें यह देखा जा रहा है कि क्या इनका संबंध असामाजिक तत्वों या आतंकवादी गतिविधियों से है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है, और इसे लेकर सरकार किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतेगी।