उत्तर प्रदेश में नई रेलवे लाइन से बढ़ेगी कनेक्टिविटी
नई रेलवे लाइन का निर्माण
उत्तर प्रदेश समाचार: उत्तर प्रदेश में रेलवे कनेक्टिविटी को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य में 240 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन बिछाने की योजना बनाई गई है, जो क्षेत्रीय आवागमन को नई गति प्रदान करेगी। यह प्रस्ताव एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है, जो उत्तर प्रदेश में रेलवे कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा। इस परियोजना के माध्यम से राज्य के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार होगा।
यह योजना उत्तर प्रदेश की रेलवे कनेक्टिविटी में हो रहे बड़े परिवर्तनों को दर्शाती है। लिंक रूट जैसी योजनाएं राज्य के अंदरूनी और अंतर-शहर रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण हैं, विशेषकर एक ऐसे राज्य में जो भौगोलिक और जनसंख्यात्मक रूप से बड़ा है। नोएडा में जल्द ही एक नया हवाई अड्डा भी स्थापित होगा, जो नोएडा और ग्रेटर नोएडा के निवासियों के लिए एक गेम चेंजर साबित होगा। राज्य सरकार ने कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए कई परियोजनाओं पर कार्य किया है। इन प्रयासों का उद्देश्य बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना है।
240 किमी की नई रेलवे लाइन
बलरामपुर और बहराइच जिलों के निवासियों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है। भारतीय रेलवे ने यहां के लोगों के लिए रेलमार्ग उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रेलवे बोर्ड ने बहराइच, उतरौला और खलीलाबाद रेलवे लाइनों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ की है। इस परियोजना के तहत 240 किलोमीटर की रेलवे लाइन का निर्माण किया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार होगा। बलरामपुर में रेलवे लाइन का निर्माण अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन बहराइच में भूमि अधिग्रहण का राजपत्र जारी किया गया है। 2014 में इस परियोजना को सर्वे के लिए मंजूरी दी गई थी, और बहराइच-श्रावस्ती-बलरामपुर के 80 किलोमीटर रेलवे मार्ग के लिए 620 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
जंक्शन दर्जा प्राप्त करेगा बलरामपुर स्टेशन
इसके अतिरिक्त, रेलवे ने 32 नए स्टेशन बनाने की योजना बनाई है, जिसमें छह नए स्टेशन शामिल हैं। बलरामपुर के हंसुवाडोल गांव में पहला हाल्ट स्टेशन बनाने की योजना है, जबकि बहराइच और श्रावस्ती में भी नए स्टेशन बनाए जाएंगे। बलरामपुर रेलवे स्टेशन को जंक्शन का दर्जा दिया जाएगा, और कई अन्य स्थानों पर स्टेशन और हाल्ट स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। रेलवे लाइन के लिए 40 फीट चौड़ी भूमि की आवश्यकता होगी, जबकि स्टेशनों के लिए 100 मीटर चौड़ी भूमि की आवश्यकता होगी।