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उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में लैब टेक्नीशियन भर्ती में भ्रष्टाचार का मामला

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में लैब टेक्नीशियन की भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। जांच में पाया गया है कि एक ही परिवार के कई सदस्यों को चयनित किया गया है, जिससे भाई-भतीजावाद की आशंका बढ़ गई है। इस मामले की जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है, जिसमें उच्चस्तरीय जांच की सिफारिश की गई है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और इसके पीछे के तथ्य।
 

भ्रष्टाचार का नया मामला


लखनऊ। उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग हमेशा से विवादों में रहा है। यहां अक्सर भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहते हैं। हाल ही में एक्स-रे टेक्नीशियन के बाद लैब टेक्नीशियन (एलटी) की भर्ती में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। इस मामले में एक ही पिता की तीन से चार संतानों को लैब टेक्नीशियन बना दिया गया है, और कई चयनित अभ्यर्थियों के पते भी समान पाए गए हैं। इस मामले की जांच रिपोर्ट 17 सितंबर को शासन को भेजी गई है।


जानकारी के अनुसार, यूपी स्वास्थ्य विभाग ने 2007 में 572 लैब टेक्नीशियन की भर्ती की थी। इसमें 35 चयनित अभ्यर्थियों में से कई एक ही परिवार के सदस्य हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इनका रोल नंबर भी एक समान है। चयनित लैब टेक्नीशियनों के पिता का नाम और अन्य विवरण भी संदिग्ध हैं। इसके अलावा, एक ही जिले से कई अभ्यर्थियों का चयन यह दर्शाता है कि भाई-भतीजावाद और अनुचित लाभ के आधार पर चयन किया गया है।


जब लैब टेक्नीशियन (एलटी) की भर्ती में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया, तो इसकी जांच शुरू की गई। शासन के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के पूर्व आयुक्त राजेश कुमार ने इस मामले की जांच की। उन्होंने 17 सितंबर 2025 को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को अपनी जांच रिपोर्ट भेजी, जिसमें संदेहास्पद तथ्यों का उल्लेख करते हुए उच्चस्तरीय जांच की सिफारिश की गई है।


परिवार के सदस्यों की संलिप्तता
लैब टेक्नीशियन (एलटी) की भर्ती में भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बाद कई अन्य खुलासे भी हुए हैं। चयनित लैब टेक्नीशियन के रिश्तेदार और परिवार के सदस्य स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत पाए गए हैं। एक ही पिता का नाम और समान पते से यह स्पष्ट होता है कि सीमित आवेदन के साथ एक ही परिवार के सदस्यों को नियुक्त किया गया है।


भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं
लैब टेक्नीशियन (एलटी) की इस भर्ती में शुरू से ही गड़बड़ी की गई। जांच में यह भी सामने आया कि भर्ती संबंधी विज्ञापन केवल दो अखबारों में प्रकाशित हुए थे, लेकिन पत्रावलियों में इसका कोई प्रमाण नहीं मिला। इससे यह स्पष्ट होता है कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव था। चयनितों के रोल नंबर भी रैंडम नहीं हैं, जो पारदर्शी चयन प्रक्रिया में संभव नहीं है।