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उत्तरकाशी में बाढ़: ISRO की सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा, राहत कार्य में तेजी

उत्तरकाशी जिले में हाल ही में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें कई लोगों की जानें गई हैं। ISRO ने उपग्रह तस्वीरें जारी की हैं, जो बर्बादी के भयावह दृश्य को दर्शाती हैं। राहत और बचाव कार्य में तेजी आई है, जिसमें वायुसेना की मदद से फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। जानें इस आपदा के कारण और राहत कार्य में सैटेलाइट तस्वीरों की भूमिका के बारे में।
 

उत्तरकाशी में बाढ़ का कहर

Uttarkashi Flood: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली और सुखी टॉप क्षेत्र में दो बादल फटने की घटनाओं ने व्यापक तबाही मचाई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने धराली गांव के आस-पास की उपग्रह तस्वीरें जारी की हैं, जो बर्बादी के भयावह दृश्य को दर्शाती हैं।


आपदा का मंजर

मंगलवार को इस संवेदनशील क्षेत्र में आई अचानक बाढ़ ने जन-धन को भारी नुकसान पहुंचाया। अधिकारियों के अनुसार, इस आपदा में चार लोगों की जान जा चुकी है। बुधवार को दो शव बरामद हुए, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि ये उसी दिन की रिपोर्ट किए गए मृतकों में शामिल हैं या नहीं।


राहत और बचाव कार्य में तेजी

राहत और बचाव कार्य में तेजी

गुरुवार को मौसम में सुधार के साथ राहत और बचाव कार्य में तेजी आई। वायुसेना के चिनूक और Mi-17 हेलीकॉप्टरों की सहायता से 270 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। सेना के अनुसार, 50 आम नागरिक और उनके नौ जवान, जिनमें एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर भी शामिल हैं, लापता हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि लापता लोगों की संख्या इससे अधिक हो सकती है।


ISRO की सैटेलाइट तस्वीरों में तबाही

ISRO की सैटेलाइट तस्वीरों में तबाही

ISRO ने कार्टोसैट-2एस उपग्रह की मदद से 13 जून 2024 और 7 अगस्त 2025 की तस्वीरों का तुलनात्मक विश्लेषण किया। नई तस्वीरों में खीर गाड़ और भागीरथी नदी के संगम पर लगभग 20 हेक्टेयर क्षेत्र में मलबा और तलछट जमा दिखाई दे रही है। आशंका है कि इस मलबे ने गांव के बड़े हिस्से को ढक दिया है, जिससे कई घर और ढांचे मिट्टी और पत्थरों में दब गए हैं।


नदी के बहाव का मार्ग चौड़ा

चौड़ा हुआ नदी के बहाव का मार्ग

फ्लैश फ्लड की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसने इलाके की भौगोलिक संरचना को बदल दिया। नदी का बहाव का मार्ग चौड़ा हो गया और इसका स्वरूप भी बदल गया। कई इमारतें या तो आंशिक रूप से डूब गईं या पूरी तरह बह गईं, जिनका कोई निशान नहीं बचा।


सैटेलाइट तस्वीरों का महत्व

राहत कार्य में मददगार सैटेलाइट तस्वीरें

ISRO ने कहा कि सैटेलाइट तस्वीरें चल रहे खोज एवं बचाव अभियानों में मदद करेंगी ताकि फंसे हुए लोगों तक पहुंचा जा सके और अलग-थलग पड़े क्षेत्रों में संपर्क बहाल किया जा सके। यह घटना हिमालयी बस्तियों की आपदाओं के प्रति बढ़ती संवेदनशीलता को दर्शाती है। घटना के कारणों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक विश्लेषण किया जा रहा है।