उत्तराखंड में बारिश ने तोड़ा 101 साल का रिकॉर्ड, जनजीवन प्रभावित
उत्तराखंड में बारिश का कहर
उत्तराखंड में बारिश का रिकॉर्ड: उत्तराखंड इस समय मानसून की भीषण तबाही का सामना कर रहा है। देहरादून में हुई मूसलाधार बारिश ने 101 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सोमवार और मंगलवार की रात को हुई बारिश ने कई क्षेत्रों में आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है, जिससे लोगों को 2013 की केदारनाथ त्रासदी की याद आ गई। मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटों में देहरादून के सहस्रधारा क्षेत्र में 264.0 मिमी बारिश हुई, जो अब तक की सबसे अधिक मानी जा रही है। इससे पहले 1924 में 212.6 मिमी बारिश का रिकॉर्ड था।
देहरादून के बाद मालदेवता क्षेत्र में 149.0 मिमी बारिश हुई, जबकि कालसी में 119.5 मिमी और नैनीताल में 105.0 मिमी बारिश दर्ज की गई। राज्य में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र देहरादून रहा, जहां औसत बारिश 66.7 मिमी रही, जो सामान्य से 1136 प्रतिशत अधिक है।
बारिश का कारण
बारिश का कारण
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इतनी भारी बारिश का कारण ईस्टरली और वेस्टरली वेदर सिस्टम का मिलन है। ईस्टरली हवाएं पूर्व से पश्चिम की ओर और वेस्टरली हवाएं पश्चिम से पूर्व की ओर चलती हैं। इन दोनों प्रणालियों के टकराने से प्रदेश में मूसलाधार बारिश हुई। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सीएम तोमर ने बताया कि यह वेदर सिस्टम आमतौर पर मानसून के दौरान सक्रिय रहता है, लेकिन 15 और 16 सितंबर को इसका प्रभाव अत्यधिक देखने को मिला।
जनजीवन पर असर
जनजीवन पर असर
इस बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। कई क्षेत्रों में सड़कें बंद हो गई हैं, नदियां उफान पर हैं और भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं। देहरादून और आसपास के लोग लगातार बारिश से परेशान हैं। मौसम विभाग ने बताया है कि अभी मानसून की विदाई का इंतजार करना होगा। सामान्यतः सितंबर के अंत में मानसून विदा होता है, लेकिन इस बार बारिश का दौर लंबा खिंच सकता है।
भविष्यवाणी और अलर्ट
भविष्यवाणी और अलर्ट
पूर्वानुमान के अनुसार, बुधवार को देहरादून और नैनीताल में भारी बारिश की संभावना है। येलो अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही, प्रदेश के अन्य जिलों में भी तेज बारिश की संभावना जताई गई है। 22 सितंबर तक राज्यभर में हल्की से मध्यम बारिश का दौर जारी रहने के संकेत हैं। भारी बारिश और आपदा की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें।