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उदयपुर विश्वविद्यालय में औरंगजेब पर विवाद, छात्रों का प्रदर्शन

उदयपुर की मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा के औरंगजेब को कुशल प्रशासक कहने के बाद छात्रों में आक्रोश फैल गया। छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें नारेबाजी और तोड़फोड़ शामिल थी। कुलपति ने अपने बयान पर सफाई दी, लेकिन छात्र संतुष्ट नहीं हैं। पूर्व छात्र नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि कुलपति को नहीं हटाया गया, तो वे सड़कों पर उतरेंगे। इस विवाद पर विधि मंत्री ने भी टिप्पणी की है।
 

राजस्थान समाचार

उदयपुर की मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों में है। कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा द्वारा मुगल सम्राट औरंगजेब को कुशल प्रशासक कहे जाने के बाद छात्रों में आक्रोश फैल गया। इस बयान के बाद विश्वविद्यालय का प्रशासनिक भवन विरोध का केंद्र बन गया, जहां नारेबाजी, तोड़फोड़ और टायर जलाने की घटनाएं हुईं।


छात्र संगठनों की प्रतिक्रिया

एक शैक्षणिक संगोष्ठी में कुलपति के बयान पर विभिन्न छात्र संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई। छात्रों का कहना है कि महाराणा प्रताप की भूमि पर औरंगजेब की प्रशंसा अस्वीकार्य है।


स्थिति में तनाव

प्रदर्शनकारियों ने जोरदार नारेबाजी की, जिससे विश्वविद्यालय का माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया। इस दौरान तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं भी हुईं। इसके बाद प्रशासन ने कुछ छात्रों को निष्कासित करने का आदेश दिया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।


कुलपति का स्पष्टीकरण

प्रो. सुनीता मिश्रा ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनके शब्दों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह गैर-हिंदी भाषी हैं और उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया। हालांकि, विरोध कर रहे छात्र इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हैं।


कुलपति को हटाने की मांग

पूर्व छात्र नेता हिमांशु चौधरी और सिद्धार्थ सोनी ने चेतावनी दी है कि यदि कुलपति को नहीं हटाया गया, तो छात्र संगठन सड़कों पर उतरकर उदयपुर बंद का आह्वान करेंगे। वहीं, राजस्थान के विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने इस विवाद से दूरी बनाते हुए इसे कुलपति का व्यक्तिगत बयान बताया और कहा कि सरकार इस पर कोई समर्थन नहीं करती।