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एनसीसी कैडेट्स का सिकल सेल एनीमिया जागरूकता अभियान

भिवानी के एनसीसी कैडेट्स ने खानाबदोश समुदाय के लिए सिकल सेल एनीमिया पर जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण अभियान चलाया। इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा देना और समुदाय को इस गंभीर आनुवंशिक बीमारी के बारे में जानकारी प्रदान करना है। कैडेट्स ने लक्षणों, रोकथाम और उपचार के बारे में जानकारी साझा की, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की गई। जानें इस अभियान के बारे में और कैसे यह समुदाय के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है।
 

भिवानी में स्वास्थ्य शिक्षा का प्रयास


  • एनसीसी का उद्देश्य: संवेदनशील वर्गों को जागरूक करना


(भिवानी) भिवानी। भिवानी के खानाबदोश समुदाय को स्वास्थ्य शिक्षा से जोड़ने के लिए, स्थानीय एमएनएस सरकारी कॉलेज के एनसीसी कैडेट्स ने 11 हरियाणा बटालियन एनसीसी भिवानी के मार्गदर्शन में सिकल सेल एनीमिया (एससीए) के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया। यह कार्यक्रम लेफ्टिनेंट थॉमस कुट्टी के नेतृत्व में और एनसीसी ऑफिसर कैप्टन अशोक कुमार की देखरेख में आयोजित किया गया।


खानाबदोश समुदाय को एससीए के बारे में जानकारी दी गई


प्राचार्य डॉ. जगबीर सिंह ने भी इस पहल का समर्थन करते हुए खानाबदोश समुदाय के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का संदेश दिया। इस दौरान, स्थानीय बस स्टैंड के आसपास रहने वाले खानाबदोश समुदाय को एससीए के बारे में जागरूक किया गया। कैडेट्स ने लक्षणों की पहचान, रोकथाम और उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की। विवाह पूर्व जांच और आनुवंशिक सलाह पर विशेष जोर दिया गया।


लेफ्टिनेंट थॉमस कुट्टी ने बताया कि एनसीसी का उद्देश्य केवल राष्ट्र सेवा नहीं है, बल्कि समाज के संवेदनशील वर्गों को विभिन्न विषयों पर जागरूक करके उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना भी है। महाविद्यालय में एनसीसी यूनिट के अधिकारी कैप्टन अशोक कुमार ने बताया कि एनसीसी कैडेट्स ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए बस स्टैंड के पास खानाबदोश समुदाय को इस खतरनाक बीमारी से अवगत कराया और उन्हें इससे निपटने के लिए जागरूक किया।


उन्होंने कहा कि इस तरह के अभियान समाज में सकारात्मक बदलाव लाते हैं। महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. जगवीर सिंह मान ने अपने संदेश में बताया कि एनसीसी कैडेट्स समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हैं और सिकल सेल एनीमिया एक गंभीर आनुवंशिक बीमारी है, जिसके प्रति भिवानी जैसे ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में जागरूकता की कमी है।