एयर इंडिया का विमान हादसा: अहमदाबाद में 200 से अधिक लोगों की मौत
एयर इंडिया का विमान दुर्घटना
एयर इंडिया विमान दुर्घटना अहमदाबाद: 12 जून 2025 को एयर इंडिया की बोइंग 787 (AI 171) ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी, लेकिन यह उड़ान एक गंभीर हादसे का शिकार हो गई। यह घटना सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट मेघानीनगर क्षेत्र में हुई। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अनुसार, विमान में 242 यात्री सवार थे। उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद पायलटों ने 'मई डे' कॉल किया, लेकिन एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर विमान एक मेडिकल कॉलेज के पास गिर गया। इस दुखद घटना में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी भी शामिल हैं।
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को 2011 में एयर इंडिया के बेड़े में शामिल किया गया था। यह विमान अपनी उन्नत तकनीक और 25% कम ईंधन खपत के लिए जाना जाता है। इसकी लंबाई 186 फीट है और यह 248 यात्रियों को ले जाने की क्षमता रखता है, जबकि इसकी रेंज 13,530 किलोमीटर है। हालांकि, इसके तकनीकी मुद्दों का इतिहास काफी पुराना है। एयरोइनसाइड की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में बोइंग 787 में इंजन, गियर, फ्लैप, केबिन प्रेशर और ऊंचाई से संबंधित पांच घटनाएं दर्ज की गई थीं। हाल ही में, 13 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली से बर्मिंघम जा रही उड़ान AI-113 में नाक गियर में हाइड्रोलिक रिसाव की समस्या सामने आई थी, जिसके कारण विमान को 28 घंटे तक ग्राउंडेड रखा गया।
बोइंग 787 की वैश्विक समस्याएं
बोइंग 787 की समस्याएं केवल भारत तक सीमित नहीं हैं। 2013 में जापान एयरलाइंस के 787 विमान में ईंधन रिसाव और यूनाइटेड एयरलाइंस के विमान में बैटरी की खराबी के कारण इनके बेड़े को उड़ान से रोका गया था। भारत में भी, एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर विमानों में विंडशील्ड में दरार, इंजन शटडाउन, और हाइड्रोलिक लीक जैसी 136 छोटी-बड़ी खामियां सामने आती रही हैं। नागर विमानन मंत्रालय के अनुसार, इन समस्याओं के कारण एयर इंडिया को प्रतिदिन 1.43 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा।
व्हिसलब्लोअर की चेतावनी और जांच
बोइंग इंजीनियर सैम सालेहपुर ने जनवरी 2024 में FAA के समक्ष शिकायत दर्ज की, जिसमें उन्होंने 787 और 777 विमानों के निर्माण में शॉर्टकट अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “चालक दल धड़ के हिस्सों को जोड़ते समय अंतराल भरने में विफल रहा, जिससे विमानों का जीवनकाल कम हो रहा है।” इस शिकायत के बाद FAA ने जांच शुरू की, जो अभी भी जारी है।