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एयर प्यूरीफायर के उपयोग पर मिथक: क्या ये बच्चों के लिए हानिकारक हैं?

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के कारण एयर प्यूरीफायर का उपयोग बढ़ रहा है, लेकिन इसके बारे में कई मिथक हैं। क्या ये उपकरण बच्चों के लिए हानिकारक हैं? विशेषज्ञों का कहना है कि एयर प्यूरीफायर का सही उपयोग बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित नहीं करता। जानें कि एयर प्यूरीफायर का उपयोग कैसे करें और यदि आपके पास नहीं है, तो घर में हवा को साफ रखने के लिए क्या उपाय करें।
 

दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता और एयर प्यूरीफायर का महत्व

दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा के चलते, कई लोग अपने घरों में एयर प्यूरीफायर लगाने के लिए मजबूर हो गए हैं। ये उपकरण हवा की गुणवत्ता में सुधार लाने में सहायक होते हैं, लेकिन इनके उपयोग से जुड़े कई मिथक भी हैं। इनमें से एक यह है कि एयर प्यूरीफायर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देते हैं। नवजात शिशु विशेषज्ञ ने इस धारणा का खंडन किया है और बताया है कि एयर प्यूरीफायर का उपयोग बच्चों के लिए हानिकारक नहीं है।


क्या एयर प्यूरीफायर बच्चों के लिए हानिकारक हैं?

हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया कि जब लोग एयर प्यूरीफायर खरीदते हैं, तो उनके मन में कई सवाल होते हैं। जैसे, इसका उपयोग केवल एक कमरे में किया जा सकता है, और जब बच्चा दूसरे कमरे में जाएगा, तो क्या वायु प्रदूषण का असर नहीं होगा? माता-पिता अक्सर पूछते हैं कि एयर प्यूरीफायर का सही उपयोग कैसे किया जाए।


विशेषज्ञ ने कहा कि वायु विषाक्तता के कणों और इम्युनिटी के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। उन्होंने उदाहरण दिया कि जो व्यक्ति दिन में 20 सिगरेट पीता है, उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता 5 सिगरेट पीने वाले व्यक्ति से अधिक नहीं होती। इसलिए, रात में कम से कम 8 से 10 घंटे एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना फायदेमंद है।


एयर प्यूरीफायर न होने पर क्या करें?

यदि आपके पास एयर प्यूरीफायर नहीं है, तो आप अपने घर में हवा को शुद्ध रखने वाले पौधे लगा सकते हैं। जैसे कि एलोवेरा, स्नैक प्लांट, मनी प्लांट और बांस।


बच्चों के कमरों में चारकोल बैग रखना भी एक अच्छा उपाय है। इसके अलावा, DIY पंखे के फिल्टर भी मददगार हो सकते हैं।


जब हवा की गुणवत्ता ठीक हो, तो ताजी हवा के लिए खिड़कियां खोलें।


घर में धुएं और धूपबत्ती के धुएं का उपयोग कम करें, क्योंकि ये हवा को और खराब कर सकते हैं।


नमी को संतुलित रखने के लिए पंखे और फिल्टर को नियमित रूप से साफ करें ताकि फफूंदी से बचा जा सके।


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