एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप: एक लाभकारी व्यवसाय का अवसर
एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप का व्यवसाय
भारत में विभिन्न प्रकार के व्यवसाय तेजी से बढ़ रहे हैं। लोग अधिक आय के लिए नए-नए व्यवसाय शुरू कर रहे हैं। इनमें से एक ऐसा व्यवसाय है, जो लाइसेंस मिलने पर अच्छी कमाई कर सकता है। हम एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के बारे में बात कर रहे हैं। आजकल, करोड़ों घरों में खाना पकाने के लिए एलपीजी सिलेंडर का उपयोग किया जाता है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
महिलाओं को धुएं से बचाने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की गई है। सरकार ने हर घर में एलपीजी सिलेंडर कनेक्शन उपलब्ध कराया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में 33.52 करोड़ सक्रिय गैस कनेक्शन हैं, जो पिछले एक दशक में दोगुने हो गए हैं। इसलिए, गैस एजेंसी का लाइसेंस लेना एक लाभकारी विकल्प है।
डिस्ट्रीब्यूटरशिप कैसे प्राप्त करें?
भारत में तीन प्रमुख सरकारी तेल कंपनियाँ डिस्ट्रीब्यूटरशिप प्रदान करती हैं। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड इंडेन गैस के लिए डिस्ट्रीब्यूटरशिप देती है, जबकि भारतीय पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम एचपी गैस के लिए डिस्ट्रीब्यूटरशिप प्रदान करते हैं। गैस एजेंसी के लिए आवेदन करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन
हिंदुस्तान पेट्रोलियम की वेबसाइट के अनुसार, कंपनियाँ ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन स्वीकार करती हैं। आवेदन के बाद, उम्मीदवार का औपचारिक साक्षात्कार लिया जाता है, जिसमें कुछ मानदंडों के आधार पर अंक दिए जाते हैं। अंकों के आधार पर उम्मीदवार का मूल्यांकन किया जाता है।
आवेदक की पात्रता
एलपीजी सिलेंडर का वितरक बनने के लिए कुछ आवश्यक योग्यताएँ हैं। सबसे पहले, आवेदक को भारत का नागरिक होना चाहिए और 10वीं कक्षा पास होना अनिवार्य है। उम्र की सीमा 21 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा, परिवार का कोई सदस्य किसी ऑयल मार्केटिंग कंपनी में कार्यरत नहीं होना चाहिए। गैस एजेंसी के लिए आवेदन शुल्क अधिकतम 10,000 रुपये है, जो रिफंड नहीं किया जाएगा।