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एल्विश यादव फायरिंग मामले में दो संदिग्धों की गिरफ्तारी

गुरुग्राम में यूट्यूबर एल्विश यादव के घर पर हुई फायरिंग की घटना ने सभी को चौंका दिया। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जो कुख्यात गैंग से जुड़े हैं। घटना के समय एल्विश घर पर नहीं थे, लेकिन उनके परिवार के सदस्य मौजूद थे। हमले की जिम्मेदारी लेने वाले गैंग ने अवैध सट्टेबाजी का आरोप लगाया है। पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।
 

एल्विश यादव फायरिंग केस की जानकारी

एल्विश यादव फायरिंग केस: यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी के विजेता एल्विश यादव के गुरुग्राम स्थित निवास पर 17 अगस्त को हुई फायरिंग की घटना ने सभी को चौंका दिया। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए दो संदिग्ध शूटरों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान गौरव सिंह और आदित्य तिवारी के रूप में हुई है, जो कुख्यात हिमांशु भाऊ गैंग से जुड़े बताए जा रहे हैं। पुलिस ने इन्हें दिल्ली के शाहबाद डेयरी क्षेत्र में एक रात के ऑपरेशन के दौरान पकड़ा।


यह घटना सुबह लगभग 5:30 बजे गुरुग्राम के सेक्टर-57 में हुई, जब तीन नकाबपोश हमलावर मोटरसाइकिल पर सवार होकर एल्विश के घर के बाहर 24 से अधिक गोलियां चलाईं। उस समय एल्विश घर पर नहीं थे, लेकिन उनके परिवार के सदस्य वहां मौजूद थे। सौभाग्य से इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ। सीसीटीवी फुटेज में तीन हमलावरों को देखा गया, जिनमें से दो ने गोलियां चलाईं, जबकि तीसरा मोटरसाइकिल चला रहा था।




हिमांशु भाऊ गैंग ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए सोशल मीडिया पर दावा किया कि एल्विश यादव अवैध सट्टेबाजी ऐप्स का प्रचार कर रहे थे, जिसके कारण यह हमला किया गया। गैंग ने अन्य सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को भी ऐसी गतिविधियों से दूर रहने की चेतावनी दी। पुलिस ने बताया कि गौरव और आदित्य को गैंग के निर्देश पर काम करने का संदेह है। दोनों ने पूछताछ में बताया कि वे घटना के बाद भारत-नेपाल सीमा की ओर भागने की योजना बना रहे थे, लेकिन गैंग के कहने पर दिल्ली लौट आए।


पुलिस ने बरामद की पिस्तौल और कारतूस


पुलिस ने इनसे एक पिस्तौल, चार कारतूस और एक मोबाइल फोन बरामद किया है। गौरव का नाम पहले भी राजस्थान में एक मूर्ति तोड़फोड़ के मामले में सामने आ चुका है, जबकि आदित्य का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि हमले के पीछे की पूरी साजिश और अन्य संदिग्धों का पता लगाया जा सके।