एसिडिटी से राहत पाने के उपाय: खानपान और तनाव का प्रभाव
एसिडिटी के कारण और समाधान
हेल्थ कार्नर: खानपान में लापरवाही और तनाव जैसी समस्याएं एसिडिटी का कारण बन सकती हैं। इस स्थिति में व्यक्ति को दिनभर असहजता का अनुभव होता है, जिससे शरीर थका हुआ और मन अशांत रहता है। इसे अपने ऊपर हावी न होने दें।
बासी भोजन से बचें
ब्रिटिश डाइटेटिक एसोसिएशन की पूर्व प्रमुख डाइटीशियन लुसी डेनियल के अनुसार, जो लोग अक्सर बाहर खाना पसंद करते हैं, उन्हें एसिडिटी की समस्या अधिक होती है। रेस्तरां में पास्ता, चावल या आलू को बार-बार गर्म करके परोसा जाता है, जिससे उनके अणुओं की संरचना में बदलाव आता है। ऐसे में गैस बनने की संभावना बढ़ जाती है। घर पर भी बासी खाने को बार-बार गर्म करके न खाएं।
तनाव का प्रभाव
अनियमित बाउल मूवमेंट के कारण व्यक्ति का मूड चिड़चिड़ा हो सकता है। तनाव के कारण खानपान में असामान्यता, कब्ज और पाचन तंत्र में गड़बड़ी उत्पन्न हो सकती है।
हार्मोनल परिवर्तन
महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान हार्मोनल बदलाव भी पेट फूलने का कारण बन सकते हैं। इस समय प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन का स्तर बढ़ने से आंतरिक प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
एंटीबायोटिक दवाओं का प्रभाव
फूड पॉइजनिंग के इलाज में ली जाने वाली एंटीबायोटिक दवाएं पेट के अच्छे बैक्टीरिया को नष्ट कर सकती हैं। इससे खाद्य पदार्थों का फर्मेन्टेशन होने लगता है, जिससे कब्ज की समस्या उत्पन्न होती है। कब्ज से बचने के लिए अपने आहार में फल और हरी सब्जियों को शामिल करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। तले-भुने और जंकफूड के बजाय हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों का सेवन करें।