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कम नींद से होने वाली समस्याएं और उनका समाधान

आजकल की व्यस्त जीवनशैली के कारण कई लोग रात में ठीक से सो नहीं पाते, जिससे उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। नींद की कमी से न केवल मानसिक तनाव बढ़ता है, बल्कि यह भूलने की बीमारी जैसी गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकती है। इस लेख में हम जानेंगे कि कम नींद के क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं और हमें कितनी नींद लेनी चाहिए।
 

कम नींद के दुष्प्रभाव

समाचार : वर्तमान समय में लोगों की जीवनशैली में काफी बदलाव आया है, जिसके चलते कई व्यक्तियों को रात में नींद नहीं आती। यह समस्या न केवल मानसिक तनाव का कारण बनती है, बल्कि इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। लगातार कम नींद लेने से भूलने की बीमारी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस लेख में हम नींद की कमी से होने वाली परेशानियों पर चर्चा करेंगे।



रात में नींद न आने का मुख्य कारण हमारा दिमाग होता है। जब हमारा मस्तिष्क सक्रिय रहता है, तो नींद आना मुश्किल हो जाता है। कई बार दिमाग में चल रहे विचार और प्रोटीन की बढ़ती मात्रा भी नींद को प्रभावित करती है, जिससे हमें कम नींद आती है। यह स्थिति भूलने की बीमारी का कारण बन सकती है।


विशेषज्ञों के अनुसार, दिमाग में एमीलॉयड बीटा नामक प्रोटीन की वृद्धि से नींद में कमी आती है, जो स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इसलिए, यह अत्यंत आवश्यक है कि हम प्रतिदिन कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लें।