करनाल में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति: विशेषज्ञों की चेतावनी
करनाल में वायु प्रदूषण की समस्या
हरियाणा का करनाल जिला, जो अपनी हरियाली और कृषि विज्ञान के लिए प्रसिद्ध है, वर्तमान में वायु प्रदूषण की गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, यहां की वायु गुणवत्ता पड़ोसी जिलों की तुलना में अधिक खराब हो चुकी है।
प्रदूषण के कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषण का मुख्य कारण फैक्ट्रियों का धुआं नहीं, बल्कि सड़कों से उड़ती धूल और निर्माण कार्य हैं।
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) की स्थिति
शनिवार को करनाल का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 234 दर्ज किया गया, जो कि खतरे के ऑरेंज जोन में आता है। इसके विपरीत, आसपास के जिलों का AQI काफी कम रहा।
- पानीपत: 181
- कैथल: 112
- जींद: 197
- पंचकूला: 109
- चंडीगढ़: 189
- अंबाला: 153
स्वास्थ्य पर प्रभाव
करनाल में वायु गुणवत्ता में गिरावट का मुख्य कारण मोटर वाहनों, सड़कों की धूल, निर्माण सामग्री और खुले में जलने वाले कूड़े हैं।
शहर की हवा में PM2.5 और PM10 जैसे प्रदूषक कण लगातार बढ़ रहे हैं। शनिवार को PM2.5 का औसत स्तर 231 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा, जबकि सुबह 9 बजे यह 273 तक पहुंच गया।
निर्माण गतिविधियों का योगदान
स्थानीय विशेषज्ञों ने निर्माण कार्यों को प्रदूषण का एक बड़ा कारण बताया है, जिसमें फ्लाईओवर निर्माण के दौरान उड़ती मिट्टी, कच्ची सड़कें, खुले में पड़े रेत के ढेर और कूड़े में आग लगाना शामिल हैं।
प्रशासन की स्थिति
नगर निगम का कहना है कि उनके पास सड़क सफाई मशीनें और पानी के टैंकर हैं, जो धूल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। हालांकि, स्थानीय नागरिकों का मानना है कि यह व्यवस्था अपर्याप्त है।
स्वास्थ्य सलाह
डॉ. अभिनव डागर ने सलाह दी है कि लोगों को मास्क पहनना चाहिए और श्वास रोग से पीड़ित व्यक्तियों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने पानी के छिड़काव को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं ताकि जनता को राहत मिल सके।
स्थिति की गंभीरता
करनाल को लंबे समय से स्वच्छ और हरित शहर माना जाता रहा है, लेकिन वर्तमान स्थिति धूल नियंत्रण की कमी, बढ़ते वाहन ट्रैफिक और निर्माण कार्यों के अनियंत्रित विस्तार के कारण चिंताजनक है।