×

करवाचौथ: व्रत के दौरान दंपति को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए

करवाचौथ का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, खासकर सुहागिन महिलाओं के लिए। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। व्रत के दौरान दंपति को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे कि शारीरिक संबंध न बनाना। जानें इस व्रत से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी और धार्मिक मान्यताएं।
 

करवाचौथ का महत्व

नई दिल्ली - हिंदू धर्म में करवाचौथ का विशेष स्थान है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, जो अपने पति की लंबी उम्र के लिए इसे बड़े उत्साह से मनाती हैं। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और रात को चंद्रमा की पूजा के बाद अपना व्रत खोलती हैं। इस व्रत से जुड़ी कई जिज्ञासाएं होती हैं, जिनमें से कुछ सवालों के उत्तर यहां दिए गए हैं।


करवाचौथ पर दंपति को क्या नहीं करना चाहिए

धर्म के जानकारों के अनुसार, करवाचौथ के दिन दंपति को शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। यहां तक कि इस विषय पर विचार भी नहीं करना चाहिए। इस दिन इस प्रकार के कार्यों को वर्जित माना गया है। हिंदू धर्म के ग्रंथों में यह स्पष्ट लिखा गया है कि किसी भी व्रत के दौरान, जैसे कि करवा चौथ, तीज या नवरात्रि, गलत विचार रखना भी अनुचित है।


करवाचौथ पर पूजा की जाने वाली देवताएं

इस व्रत के दौरान महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखी जीवन की कामना करती हैं। इस दिन पूरी पवित्रता और स्वच्छता का ध्यान रखा जाता है, क्योंकि यह व्रत भगवान गणपति को समर्पित होता है। इस दिन गणपति के साथ मां पार्वती की भी पूजा की जाती है। सभी धार्मिक कार्यों में, व्रत के दौरान शारीरिक संबंध बनाना या पति-पत्नी का एक-दूसरे के करीब आना मना है।


शारीरिक संबंध बनाने से क्या होता है

कहा जाता है कि यदि दंपति व्रत के समय शारीरिक संबंध बनाते हैं, तो वे पाप के भागीदार बन जाते हैं। ऐसा करने से व्रति का उपवास भंग हो जाता है, क्योंकि रात 12 बजे वही दिन और तारीख होती है। इससे भगवान गणपति नाराज हो सकते हैं।