कर्नाटक सरकार का नया प्रस्ताव: मूवी टिकट और टीवी सब्सक्रिप्शन पर 2% सीस
कर्नाटक सरकार का सीस प्रस्ताव
कर्नाटक सरकार का नया कदम: कर्नाटक सरकार ने सिनेमा और सांस्कृतिक क्षेत्र के कलाकारों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। राज्य सरकार ने मूवी टिकटों और टेलीविजन चैनलों की सब्सक्रिप्शन फीस पर 2 प्रतिशत सीस लगाने का प्रस्ताव रखा है। यह सीस एकत्रित धन का उपयोग सिनेमा और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को सुदृढ़ करने में किया जाएगा। यह कदम कर्नाटक सिने एंड कल्चरल एक्टिविस्ट्स (वेलफेयर) एक्ट, 2024 के अंतर्गत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य कलाकारों की भलाई सुनिश्चित करना है।
श्रम विभाग द्वारा 24 सितंबर को जारी किए गए ड्राफ्ट नियमों के अनुसार, यह सीस मूवी टिकटों पर 2 प्रतिशत और राज्य में संचालित टीवी चैनलों के कुल लेन-देन पर भी 2 प्रतिशत लगाया जाएगा। एक्ट के अनुसार, यह सीस 1 से 2 प्रतिशत के बीच हो सकता था, लेकिन ड्राफ्ट में इसे 2 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। यह धन एक विशेष कल्याण बोर्ड द्वारा प्रबंधित फंड में जाएगा, जो कलाकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा, पेंशन और अन्य सुविधाएं प्रदान करेगा।
कर्नाटक सरकार का नया प्रस्ताव
इस एक्ट में सिने और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं की परिभाषा दी गई है, जिसमें सिनेमा क्षेत्र में काम करने वाले कलाकार जैसे अभिनेता, संगीतकार, और नर्तक शामिल हैं। इसके अलावा, कुशल-अकुशल, तकनीकी या पर्यवेक्षी भूमिकाओं में कार्यरत व्यक्ति भी इसमें आते हैं। सरकार द्वारा घोषित अन्य गतिविधियां भी इसके दायरे में होंगी। 18 से 60 वर्ष की आयु के पात्र कार्यकर्ताओं को पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा, जिसके बाद उन्हें एक यूनिक आईडी कार्ड मिलेगा, जो कल्याण योजनाओं का लाभ उठाने में सहायक होगा।
मूवी टिकट और टीवी सब्सक्रिप्शन की कीमतें बढ़ेंगी!
कर्नाटक सिने एंड कल्चरल एक्टिविस्ट्स वेलफेयर बोर्ड बेंगलुरु में स्थापित किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता श्रम मंत्री करेंगे। इस बोर्ड में 17 सरकारी नामित सदस्य होंगे, जो विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करेंगे। नियोक्ताओं को मासिक रूप से सीस जमा करना होगा और हर छह महीने में रिटर्न ऑनलाइन सबमिट करना होगा। यह व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी, ताकि राज्य के बजट पर बोझ न पड़े।
यह प्रस्ताव सिनेमा और टीवी उद्योग के लिए दोहरी भूमिका निभा सकता है। एक ओर, यह छोटे कलाकारों और तकनीशियनों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा, जो अक्सर संघर्ष करते हैं। कर्नाटक फिल्म वर्कर्स आर्टिस्ट्स टेक्निशियंस यूनियन के अनुसार, राज्य में लगभग 2,300 से अधिक रजिस्टर्ड कार्यकर्ता हैं, लेकिन कई अनरजिस्टर्ड भी हैं। दूसरी ओर, दर्शकों के लिए टिकट और सब्सक्रिप्शन महंगे हो सकते हैं। भाजपा ने इसे 'जजिया टाइप टैक्स' बताकर आलोचना की है, जबकि कांग्रेस सरकार इसे कलाकारों के हित में आवश्यक कदम मान रही है।