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कांवड़ यात्रा 2025: हिंदू संगठनों की होटल पहचान मुहिम

कांवड़ यात्रा 2025 के नजदीक आते ही हिंदू संगठनों ने मेरठ में होटल पहचानने की मुहिम शुरू कर दी है। उनका उद्देश्य केवल हिंदू संचालकों द्वारा चलाए जा रहे होटलों को कांवड़ियों के लिए भोजन उपलब्ध कराना है। इस प्रक्रिया में धर्म की जानकारी लेने के लिए क्यूआर कोड का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही, मुस्लिम संचालकों के होटलों को बंद करने की मांग भी उठाई जा रही है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
 

कांवड़ यात्रा से पहले की तैयारियाँ

Kawad Yatra 2025: कांवड़ यात्रा के आगमन से पहले, हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मेरठ के बाईपास रोड पर हिंदू होटलों की पहचान करने में जुट गए हैं। उनका कहना है कि केवल उन्हीं होटलों या ढाबों को कांवड़ियों के भोजन के लिए चुना जाना चाहिए, जो हिंदू संचालकों द्वारा चलाए जा रहे हैं। प्रशासन से अन्य होटलों की पहचान कर उनकी जांच करने और उन्हें बंद करने की मांग की जा रही है।


धर्म पूछने का नया तरीका

हाल ही में सामने आए वीडियो में देखा गया है कि कांवड़ मार्ग पर हिंदू संगठनों के लोग क्यूआर कोड स्कैन कर धर्म की जानकारी ले रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी रेस्टोरेंट, दुकानों और ढाबों पर जाकर नाम और धर्म पूछने लगे हैं। संतुष्ट होने के बाद, ये जानकारी अपने रिकॉर्ड में भी दर्ज कर रहे हैं।


मुस्लिम संचालकों के होटल बंद करने की मांग

इस बीच, हिंदू नेता सचिन सिरोही ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि मुस्लिम संचालकों के होटल बंद किए जाएं ताकि कांवड़ यात्रा मार्ग को 'पवित्र' रखा जा सके। हालांकि, पुलिस ने अभी तक किसी कार्रवाई की पुष्टि नहीं की है, लेकिन प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सतर्क है।


हिंदू संगठनों की चिंताएँ

कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले ही मेरठ में होटल और ढाबों को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। हिंदू संगठनों ने मुस्लिम संचालकों द्वारा हाईवे और कांवड़ मार्ग पर स्थित होटलों के नाम बदलने की शिकायत की है। उनका कहना है कि इससे कांवड़ियों के भोजन की शुद्धता पर खतरा मंडरा रहा है और ऐसी जगहों पर भोजन दूषित हो सकता है।