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काली हल्दी के अद्भुत लाभ और ज्योतिष में इसका महत्व

काली हल्दी, जिसे तांत्रिक क्रियाओं में उपयोग किया जाता है, स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। जानें इसके अद्भुत लाभ और ज्योतिष में इसके महत्व के बारे में। यह लेख आपको बताएगा कि कैसे काली हल्दी का उपयोग आपके व्यापार और स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है।
 

काली हल्दी: एक चमत्कारी मसाला

हेल्थ कार्नर: हल्दी के बारे में तो सभी परिचित हैं, क्योंकि इसका उपयोग आमतौर पर सब्जियों में किया जाता है। हल्दी का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पीली हल्दी के अलावा काली हल्दी भी होती है? इसका उपयोग सामान्य मसालों में नहीं किया जाता, बल्कि इसे तांत्रिक क्रियाओं में विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। काली हल्दी में कई औषधीय गुण होते हैं, जो विभिन्न बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक होते हैं। आइए जानते हैं ज्योतिष शास्त्र में काली हल्दी का महत्व।



यदि आपका व्यापार ठीक से नहीं चल रहा है, तो शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार को पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र, एक चांदी का सिक्का और 11 अभिमंत्रित धनदायक कौड़ियां बांधकर, 108 बार ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेव नमः’ का जाप करते हुए इस कपड़े को तिजोरी में रख दें। इससे धन लाभ होने की संभावना बढ़ जाती है।


अगर आपके बच्चे को नजर लग गई है, तो काली हल्दी की गांठ को सात बार बच्चे के ऊपर से उतारकर उसे चौहारे पर रख दें। इससे बच्चे की नजर दूर हो जाएगी।


यदि आपके परिवार में कोई लंबे समय से बीमार है, तो गुरुवार को आटे के दो पेड़े बनाकर उसमें गीली चने की दाल, गुड़ और थोड़ी सी पिसी काली हल्दी डालकर रोगी के ऊपर से सात बार उतारकर चौराहे पर रख दें। ऐसा लगातार तीन गुरुवार तक करने से रोगी धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा। कहा जाता है कि शुक्ल पक्ष के गुरुवार से हर दिन काली हल्दी को पीसकर उसका तिलक करने से सभी ग्रह शुभ फल देने लगते हैं।