किडनी डैमेज के लक्षण: शरीर के इन हिस्सों में दर्द हो सकता है संकेत
किडनी के नुकसान के लक्षण
किडनी डैमेज के लक्षण: किडनी हमारे शरीर से विषैले टॉक्सिन्स को बाहर निकालने का कार्य करती है। जब किडनी सही से काम नहीं करती, तो शरीर के विभिन्न हिस्सों में असामान्य दर्द हो सकता है। किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, और इसके खराब होने का मुख्य कारण खराब जीवनशैली है। अत्यधिक शराब पीना, धूम्रपान करना या बाहर का खाना खाना किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।
किडनी के खराब होने पर केवल उस अंग में ही नहीं, बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों में भी दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द सामान्य लग सकता है, लेकिन यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। मेयो क्लीनिक की रिपोर्ट के अनुसार, क्रोनिक किडनी डिजीज के दौरान शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द हो सकता है।
विशेषज्ञों की राय
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
मेयो क्लीनिक के नेफ्रोलॉजिस्ट एंड्रयू बेंटाल के अनुसार, क्रोनिक किडनी डिजीज, जिसे क्रोनिक किडनी फेलियर भी कहा जाता है, एक गंभीर स्थिति है जिसमें किडनी की कार्यक्षमता धीरे-धीरे घटती है। इस स्थिति में किडनी शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर नहीं निकाल पाती, जिससे पेट से लेकर पैरों में दर्द हो सकता है।
कहाँ-कहाँ होता है दर्द?
किडनी से संबंधित दर्द के स्थान
1. पीठ के निचले हिस्से में दर्द: किडनी हमारे शरीर के पिछले हिस्से में होती है। यदि किसी को लगातार और असामान्य तरीके से पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो रहा है, खासकर एक तरफ, तो यह किडनी में संक्रमण या पथरी का संकेत हो सकता है।
2. पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द: किडनी की खराबी के कारण पेट के ऊपरी हिस्से में हल्का या तेज दर्द हो सकता है। यह दर्द कभी-कभी महिलाओं को पीरियड्स की ऐंठन जैसा भी महसूस हो सकता है।
3. जोड़ों और घुटनों में दर्द: जब किडनी टॉक्सिन्स को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाती, तो यह शरीर में सूजन और दर्द का कारण बन सकती है, विशेषकर जोड़ों में।
4. पसलियों और छाती में दर्द: यदि किसी को बिना कारण पसलियों और छाती में दर्द हो रहा है, तो यह किडनी के नुकसान का संकेत हो सकता है।
5. कमर में दर्द: बेवजह कमर में दर्द होना भी किडनी फेलियर का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, पेशाब करते समय जलन और बार-बार पेशाब आना भी किडनी की बीमारी का कारण हो सकता है।
बचाव के उपाय
किडनी की सुरक्षा कैसे करें?
- दिन में कम से कम 7-8 गिलास पानी पिएं।
- हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करें, क्योंकि यह किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।
- डॉ. तरुण जेलोकाब्लड के अनुसार, शुगर लेवल को नियंत्रित रखना भी आवश्यक है।
- नमक, बाहर का खाना, प्रोसेस्ड फूड्स और धूम्रपान से बचें।