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किडनी स्टोन के मरीजों के लिए डाइट गाइड: क्या खाएं और क्या न खाएं

किडनी स्टोन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसके लिए सही डाइट का पालन करना आवश्यक है। इस लेख में जानें कि किडनी स्टोन के मरीजों को क्या खाना चाहिए और किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। तले-भुने खाने, सोडियम, और ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन पर ध्यान दें। सही आहार न केवल पथरी के पुनः बनने से रोकता है, बल्कि किडनी पर पड़ने वाले दबाव को भी कम करता है।
 

किडनी स्टोन और डाइट का महत्व

गुर्दे की पथरी, जिसे किडनी स्टोन भी कहा जाता है, एक अत्यंत दर्दनाक स्थिति है। इस समस्या से निपटने के लिए सही डाइट और लाइफस्टाइल का पालन करना आवश्यक है। अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या किडनी स्टोन के मरीज तला-भुना खाना खा सकते हैं। ध्यान दें कि तले-भुने खाद्य पदार्थों में फैट और सोडियम की मात्रा अधिक होती है। अधिक फैट का सेवन पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है और पथरी की समस्या को बढ़ा सकता है।


सोडियम का सेवन कम करें

किडनी स्टोन के मरीजों को सोडियम का सेवन कम से कम करना चाहिए। ज्यादा सोडियम किडनी पर दबाव डालता है और मूत्र में कैल्शियम के उत्सर्जन को बढ़ाता है, जिससे पथरी बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। इसलिए तले हुए खाद्य पदार्थ जैसे पकौड़े, समोसे और चिप्स से बचना चाहिए। इसके बजाय उबले या भुने हुए खाद्य पदार्थों को प्राथमिकता दें। इस तरह के डाइट में बदलाव न केवल पथरी के पुनः बनने से रोकता है, बल्कि किडनी पर पड़ने वाले दबाव को भी कम करता है।


नमक और प्रोसेस्ड फूड्स से बचें

किडनी स्टोन के मरीजों को नमक का सेवन सीमित करना चाहिए। अधिक सोडियम वाले खाद्य पदार्थ मूत्र में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाते हैं, जिससे कैल्शियम ऑक्सालेट पथरी बनने का खतरा बढ़ता है। इसलिए डिब्बाबंद सूप, पैकेज्ड फूड्स, सॉस और अचार से पूरी तरह परहेज करें।


ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थों से दूरी

पथरी के कई प्रकार होते हैं, जिनमें कैल्शियम ऑक्सालेट पथरी सबसे सामान्य है। यदि किसी को यह पथरी हो जाए, तो उन्हें ऑक्सालेट से भरपूर खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। इनमें चुकंदर, चॉकलेट, पालक और चाय शामिल हैं। इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।


रेड मीट और प्रोटीन का संतुलित सेवन

समुद्री भोजन, रेड मीट और मुर्गे में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है। प्यूरीन के टूटने से यूरिक एसिड बनता है, जिससे पथरी का खतरा बढ़ता है। इसलिए प्रोटीन का सेवन संतुलित रखना आवश्यक है, क्योंकि अधिक प्रोटीन किडनी पर अतिरिक्त बोझ डालता है।


सॉफ्ट ड्रिंक्स और आर्टिफिशियल शुगर से बचें

कोल्ड ड्रिंक और सॉफ्ट ड्रिंक में चीनी और फॉस्फोरिक एसिड की मात्रा अधिक होती है, जो मूत्र में पथरी बनाने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करते हैं। आर्टिफिशियल शुगर और फ्लेवर्ड जूस भी किडनी के लिए हानिकारक होते हैं। इसके बजाय नींबू पानी या साधा पानी पीना अधिक फायदेमंद है।