किडनी स्वास्थ्य: पेशाब की आदतें और बीमारियों का संबंध
किडनी रोग के लक्षण
किडनी रोग के लक्षण: क्या आपने कभी सोचा है कि आप दिन में कितनी बार पेशाब करते हैं? यदि नहीं, तो अब से इस पर ध्यान देना शुरू करें। यह किडनी की बीमारियों का पता लगाने का एक सरल तरीका है। किडनी की कार्यक्षमता और शरीर से टॉक्सिन्स के सही तरीके से निकलने की जानकारी यूरिन की गतिविधियों से मिलती है। यदि यूरिया और क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ता है, तो यह किडनी की समस्याओं का संकेत हो सकता है। आइए इस विषय पर और जानकारी प्राप्त करें।
विशेषज्ञों की राय
पीसीआरआई अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर प्रशांत जैन के अनुसार, क्रिएटिनिन और यूरिया किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्व हैं। यूरिया प्रोटीन के टूटने से उत्पन्न होता है, जबकि क्रिएटिनिन मांसपेशियों के टूटने से बनता है। इनका संबंध पेशाब और पानी के सेवन से है। यदि पानी की मात्रा कम होती है, तो क्रिएटिनिन और यूरिया का स्तर बढ़ सकता है, जिससे पेशाब करने की आदत में बदलाव आ सकता है।
यूरिया और क्रिएटिनिन का स्तर कैसे बढ़ता है?
यूरिया और क्रिएटिनिन का स्तर हमारी दैनिक गतिविधियों से प्रभावित होता है। आमतौर पर, कम पानी पीने से यूरिया का स्तर बढ़ता है। एक व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम 3 लीटर पानी पीना चाहिए। यदि कोई केवल 1 लीटर पानी पीता है, तो उसका यूरिया बढ़ता है। वहीं, क्रिएटिनिन का स्तर मांसपेशियों की स्थिति पर निर्भर करता है। पतले व्यक्तियों में यह समस्या अधिक होती है, क्योंकि उनकी मांसपेशियां जल्दी टूटती हैं। इसके अलावा, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप भी क्रिएटिनिन के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं।
पेशाब की सामान्य मात्रा
डॉक्टरों के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति प्रतिदिन 800ml से 2000ml तक पेशाब करता है। सामान्यतः, एक दिन में 5 से 8 बार पेशाब जाना चाहिए। यदि कोई इससे कम पेशाब करता है, तो उसे जांच करवानी चाहिए। गाढ़े रंग का पेशाब या अत्यधिक पेशाब आना भी चिंता का विषय है।
जांच का महत्व
आपको अपनी स्वास्थ्य स्थिति जानने के लिए जांच करवानी चाहिए। यदि आपकी यूरिया रिपोर्ट 7 से 20 mg/dL के बीच है, तो यह संकेत है कि आपकी किडनियां सही काम कर रही हैं। लेकिन यदि यह स्तर बढ़ता है, तो यह किडनी में समस्या का संकेत हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि उम्र, डाइट और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार यह स्तर भिन्न हो सकता है।
बीमारियों का जोखिम
विशेषज्ञों के अनुसार, यूरिया और क्रिएटिनिन के बढ़ने से क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) का जोखिम बढ़ जाता है। यह किडनी की गंभीर बीमारियों में से एक है। इसके लक्षणों में थकान, पेशाब की मात्रा में बदलाव, सूजन, भूख में कमी, उल्टी और खुजली शामिल हैं।