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किसानों का धरना 113वें दिन भी जारी, सरकार पर उठाए सवाल

किसान संगठनों का धरना 113वें दिन भी जारी है, जिसमें किसानों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह केवल पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मंडियों में किसानों का शोषण हो रहा है और प्राकृतिक आपदाओं के समय मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। किसान नेताओं ने अपील की है कि किसान सजग रहें और अपने भविष्य की रक्षा करें।
 

किसान संगठनों का धरना जारी


  • किसान संगठनों का धरना 113वें दिन भी जारी रहा


Charkhi Dadri News - बाढड़ा। किसानों का कहना है कि राज्य सरकारें केवल अपने स्वार्थ की रक्षा कर रही हैं, जबकि मंडियों और खलिहानों में किसानों का शोषण हो रहा है। श्योराण खाप पच्चीस के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह बेरला ने संयुक्त मोर्चे के बैनर तले धरने को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें किसानों और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के बजाय केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुंचा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व बैंक से लिए गए ऋण का बोझ भी किसानों पर डाला जा रहा है।


किसानों को अपने भविष्य की रक्षा करनी चाहिए


बेरला ने कहा कि यहां के किसान नेताओं और मंत्रियों के बावजूद किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने बताया कि बाढड़ा क्षेत्र में किसानों द्वारा उत्पादित सोना बाजरा बेकार पड़ा है, जिसे कोई खरीदने वाला नहीं है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे सजग रहें और अपने भविष्य की रक्षा करें।


किसानों को दर-दर भटकना पड़ रहा है


किसान सभा के पूर्व अध्यक्ष रघबीर श्योराण काकड़ौली ने कहा कि सरकार की योजनाएं किसानों को भूखा और प्यासा छोड़ने के लिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी फसल बेचने और नुकसान की भरपाई के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि प्राकृतिक आपदाओं के समय किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।


धरने में किसान सभा के अध्यक्ष नसीब मोद, बिजेंद्र बेरला, नरेश कादयान और अन्य नेता शामिल हुए।