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केजरीवाल का मोदी सरकार पर हमला: किसानों की दुर्दशा और अमेरिकी कपास पर ड्यूटी हटाने का मुद्दा

अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में किसानों की महापंचायत स्थगित होने के बाद मोदी सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने अमेरिकी कपास पर से इंपोर्ट ड्यूटी हटा दी है, जिससे भारतीय किसान संकट में हैं। केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के हितों की अनदेखी कर रही है और उन्हें उचित दाम नहीं मिल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि लाखों हीरा कारीगर बेरोजगार हो गए हैं। जानें इस मुद्दे पर केजरीवाल ने और क्या कहा।
 

किसानों की महापंचायत स्थगित, केजरीवाल का बयान

गुजरात में भारी बारिश के कारण किसानों की महापंचायत को स्थगित करने के बाद, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अहमदाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अमेरिकी कपास पर से 11 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी हटा दी है, जिससे देश के किसान आत्महत्या के कगार पर पहुंच गए हैं। केजरीवाल का आरोप है कि मोदी सरकार ट्रंप को खुश करने और अडानी को बचाने के लिए किसानों की बलि चढ़ा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहा है और लाखों हीरा कारीगर बेरोजगार हो गए हैं, जबकि मोदी सरकार चुप्पी साधे हुए है।


किसानों की फसल पर संकट

केजरीवाल ने बताया कि भारतीय किसान जून-जुलाई में कपास बोते हैं और अक्टूबर-नवंबर में फसल तैयार होती है। किसान बीज, खाद और मजदूरी के लिए कर्ज लेते हैं, यह उम्मीद करते हुए कि फसल कटने पर उन्हें मंडी में उचित दाम मिलेगा। लेकिन मोदी सरकार ने 19 अगस्त से अमेरिकी कपास पर 11 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी हटा दी, जिससे अमेरिका से आने वाली कपास भारतीय कपास से 15 से 20 रुपये प्रति किलो सस्ती हो गई। इससे भारतीय किसानों की फसल मंडियों में बिकना मुश्किल हो जाएगा। पहले अमेरिकी कपास महंगी होती थी, जिससे भारतीय किसानों की कपास आसानी से बिक जाती थी, लेकिन अब किसान पूरी तरह से ठगे जा चुके हैं।


टेक्सटाइल कंपनियों को लाभ, किसान संकट में

केजरीवाल ने यह भी कहा कि अमेरिकी कपास पर ड्यूटी हटाने का सीधा लाभ बड़ी टेक्सटाइल कंपनियों को होगा। उन्होंने बताया कि भारतीय कंपनियां पहले से ही अमेरिका से सस्ती कपास मंगाने लगी हैं, जिससे भारतीय किसानों की फसल मंडियों में अटक जाएगी। किसानों ने बीज, खाद और मजदूरी पर कर्ज लिया है, लेकिन जब फसल बिकेगी ही नहीं, तो वे कर्ज कैसे चुकाएंगे? उनके सामने आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को अब 900 रुपये प्रति मन से भी कम दाम मिलेगा, जबकि खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है।


वादे और हकीकत में अंतर

केजरीवाल ने कहा कि 2013 में कपास की कीमत 1500 से 1700 रुपये प्रति मन थी और 2014 के चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कपास की कीमत कम से कम 2500 रुपये प्रति मन होनी चाहिए। लेकिन आज किसानों को महज 1200 रुपये मिल रहे हैं। जब अमेरिकी कपास भारत आएगी, तो दाम और गिरकर 900 रुपये प्रति मन से भी नीचे चला जाएगा। यह साफ दिखाता है कि मोदी सरकार ने किसानों से किए वादे तोड़े हैं और अमेरिकी किसानों को फायदा पहुंचाया है, जबकि भारतीय किसान कंगाल हो रहे हैं।


मोदी सरकार की अमेरिका के प्रति बेबसी

केजरीवाल ने सवाल उठाया कि मोदी सरकार अमेरिका के आगे इतनी बेबस क्यों है? उन्होंने कहा कि अफवाहें हैं कि मोदी सरकार अडानी को बचाने और ट्रंप को नाराज न करने के लिए झुक गई है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब अमेरिका ने कनाडा, यूरोपियन यूनियन और मैक्सिको पर टैरिफ लगाया, तो इन देशों ने भी पलटवार किया और अंत में ट्रंप झुक गए। लेकिन भारत ने ठीक उल्टा किया और अमेरिकी दबाव में अपने किसानों को बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ के जवाब में अमेरिकी कपास पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाना चाहिए था।


किसानों और हीरा कारीगरों की दुर्दशा

केजरीवाल ने कहा कि सिर्फ किसान ही नहीं, बल्कि सूरत के लाखों हीरा कारीगर भी अमेरिकी टैरिफ के कारण बेरोजगार हो गए हैं। अमेरिका ने भारतीय हीरों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया, जिससे उनका निर्यात ठप हो गया है। लेकिन मोदी सरकार ने इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि आज सूरत के कारीगरों के पास बच्चों की फीस देने और दो वक्त की रोटी खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं। उन्होंने कहा कि जब बाकी देशों ने ट्रंप को आंखें दिखाई तो ट्रंप झुक गए, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री क्यों खामोश हैं?


मोदी सरकार को दिखानी चाहिए हिम्मत

अरविंद केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार को अब अमेरिका को आंख दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है और यहां अमेरिकी कंपनियां व्यापार करने आती हैं। अगर भारत चार अमेरिकी कंपनियां बंद कर दे तो उन्हें सबक मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी जी को ट्रंप पर 75 प्रतिशत टैरिफ लगाना चाहिए और किसानों को कपास पर 2100 रुपये प्रति 20 किलो एमएसपी देना चाहिए। साथ ही खाद-बीज पर सब्सिडी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरा देश मोदी जी के साथ खड़ा है, बस उन्हें थोड़ी हिम्मत दिखानी होगी।


कांग्रेस पर भी साधा निशाना

केजरीवाल ने कहा कि अमेरिकी कपास पर से हटाई गई ड्यूटी के मुद्दे पर कांग्रेस चुप है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को न किसानों से मतलब है और न हीरा कारीगरों से। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ भाजपा की नौकरी कर रही है और किसानों के मुद्दे पर विपक्ष की भूमिका निभाने के बजाय खामोश बैठी है।