कैंसर और रक्त स्वास्थ्य: सॉलिड ट्यूमर के प्रभाव
कैंसर के सॉलिड ट्यूमर केवल अंगों के कार्य को प्रभावित नहीं करते, बल्कि रक्त प्रणाली और स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, ये ट्यूमर रक्त कोशिका उत्पादन में बाधा डाल सकते हैं, जिससे एनीमिया और संक्रमण का खतरा बढ़ता है। जानें कि कैसे कैंसर के उपचार के दौरान रक्त संबंधी समस्याओं की पहचान और प्रबंधन रोगी की देखभाल में महत्वपूर्ण है।
Jun 5, 2025, 16:38 IST
कैंसर का रक्त प्रणाली पर प्रभाव
कैंसर के बारे में सोचते समय, अक्सर ट्यूमर के प्रतिकूल प्रभावों का ध्यान जाता है, जैसे कि अंगों का कार्य करना बंद कर देना। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सॉलिड ट्यूमर रक्त प्रणाली और रक्त स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। एक विशेषज्ञ ने बताया है कि कैसे गैर-रक्त कैंसर रक्त संबंधी विकारों का कारण बन सकते हैं और शरीर की महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में बाधा डाल सकते हैं। यह जानना आवश्यक है कि रक्त केवल ऑक्सीजन का परिवहन नहीं करता, बल्कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली, हार्मोन के परिवहन और कोशिकाओं के सामान्य कार्य के लिए भी आवश्यक है।सॉलिड ट्यूमर रक्त प्रणाली को कई तरीकों से प्रभावित कर सकते हैं:
- अस्थि मज्जा पर प्रभाव: कैंसर कोशिकाएं फैलकर अस्थि मज्जा तक पहुँच सकती हैं, जहाँ रक्त कोशिकाएं बनती हैं। इससे सामान्य रक्त कोशिका उत्पादन में बाधा आ सकती है, जिससे एनीमिया, संक्रमण का खतरा और रक्तस्राव का जोखिम बढ़ सकता है।
- रसायनों का स्राव: कुछ ट्यूमर ऐसे रसायन या प्रोटीन छोड़ते हैं जो रक्त कोशिका उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं या रक्त के थक्के बनने की प्रवृत्ति को बढ़ा सकते हैं।
- रक्तस्राव: ट्यूमर रक्त वाहिकाओं के निकट विकसित हो सकते हैं, जिससे रक्तस्राव हो सकता है और क्रोनिक एनीमिया का कारण बन सकता है।
- पोषण और सूजन: कैंसर शरीर के पोषण को प्रभावित कर सकता है और सूजन को बढ़ा सकता है, जो रक्त कोशिकाओं के जीवनकाल और कार्यप्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
सॉलिड ट्यूमर वाले रोगियों में एनीमिया, रक्त के थक्के बनने का बढ़ा हुआ जोखिम, संक्रमण से लड़ने की क्षमता में कमी और अन्य रक्त संबंधी जटिलताएं आम हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कैंसर के उपचार के दौरान इन रक्त संबंधी समस्याओं की पहचान और प्रबंधन रोगी की समग्र देखभाल और उपचार की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।