कैथल में छात्रों को बस पास की समस्या, निजी बसें नहीं मान रही
कैथल में छात्रों को बस पास की समस्या
कैथल। निजी बस संचालक छात्रों के लिए निशुल्क बस पास स्वीकार नहीं कर रहे हैं, जिससे गांवों से आने-जाने वाले सैकड़ों विद्यार्थियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई छात्रों को रोडवेज बसों की खिड़कियों पर लटककर यात्रा करनी पड़ रही है, जिससे चोट लगने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं।
रोडवेज बसों की भीड़
जिले के विभिन्न रूटों पर निजी और रोडवेज बसों का समय निर्धारित किया गया है, लेकिन जब परिवहन की बसें आती हैं, तो भीड़ उमड़ पड़ती है। इस कारण रोडवेज बसें ओवरलोड होकर चलती हैं। छात्रों और निजी बसों के परिचालकों के बीच अक्सर झगड़े होते हैं। कई बार परिचालक छात्रों को बिना टिकट के स्टॉप पर उतार देते हैं।
समाधान की तलाश
जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में मंत्री अनिल विज के सामने भी छात्राएं बस पास को मान्यता न देने की शिकायत कर चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। विद्यार्थियों का कहना है कि निजी बसों में भी बस पास मान्य किए जाएं, अन्यथा रोडवेज में नई बसें खरीदकर 278 गांवों में परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
बसों के रूट
कैथल जिले से चीका, असंध, नंगूरा, टोहाना, निसिंग, पूंडरी से कुरुक्षेत्र, राजौंद से पिहोवा, ढांड से करनाल, और खरका से पिहोवा रूट पर निजी बसें चल रही हैं। जिले में लगभग 12,000 छात्रों के लिए बस पास बनाए गए हैं। सरकार 150 किलोमीटर तक निशुल्क बस पास की सुविधा दे रही है।
कॉलेज पहुंचने में कठिनाई
छात्राएं सुमिता, सुनीता, रजनी, बतेरी, सुमन, और मीनाक्षी ने बताया कि सुबह बसें नहीं मिलने के कारण वे कॉलेज नहीं पहुंच पाती हैं। रोडवेज और निजी बसों का समय निर्धारित है, लेकिन निजी बसों के समय में रोडवेज की बसें नहीं आ पाती हैं। जब बसें आती हैं, तो निजी बस संचालक छात्रों के बस पास को मान्यता नहीं देते।
शैक्षणिक संस्थान
कैथल में डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज, आरकेएसडी कॉलेज, जाट कॉलेज, आईजी कॉलेज, और अन्य शैक्षणिक संस्थान हैं, जहां छात्र पढ़ने के लिए आते हैं।
झगड़ों की बढ़ती संख्या
छात्रा शंकुतला ने बताया कि वह कैथल के एक निजी कॉलेज में पढ़ने के लिए आती है। हाल ही में, एक निजी बस में परिचालक ने उसका बस पास मान्यता नहीं दी और उसे उतार दिया। इसी तरह, छात्र राजेश ने बताया कि रोडवेज बस में भीड़ के कारण उसे खिड़की पर लटकना पड़ा, जिससे उसे चोट लगी।