कैथल में लिंगानुपात में सुधार: बेटियों का बढ़ता महत्व
लिंगानुपात में सकारात्मक बदलाव
कैथल। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का असर दिखने लगा है। जिले में लिंगानुपात में लगातार सुधार हो रहा है। अब घर में बेटी के जन्म पर खुशी मनाई जा रही है। बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से पीछे नहीं हैं, जिससे लोगों की सोच में बदलाव आ रहा है। अक्टूबर में 1,000 लड़कों की तुलना में 927 लड़कियों का जन्म हुआ है।
सर्वश्रेष्ठ गांवों की सूची
लिंगानुपात के मामले में जाखौली गांव ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है, जबकि कैलरम और पाई गांव क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। 2024 के आंकड़ों के अनुसार, जाखौली में 44 लड़कों की तुलना में 68 लड़कियों ने जन्म लिया है।
कैलरम में 43 लड़कों के मुकाबले 62 लड़कियां पैदा हुई हैं, वहीं पाई गांव में 32 लड़कों की तुलना में 43 लड़कियां जन्मी हैं। जिला प्रशासन के प्रयास लिंगानुपात में सुधार लाने में सफल हो रहे हैं।
टॉप 10 गांवों का लिंगानुपात
जिले के 10 गांवों में बेटियों की संख्या
जनवरी से दिसंबर 2024 तक के आंकड़े:
जाखौली (आबादी 9,207) – 44 लड़के, 68 लड़कियां, कुल 112।
कैलरम (8,985) – 43 लड़के, 62 लड़कियां, कुल 105।
पाई (6,010) – 32 लड़के, 43 लड़कियां, कुल 75।
बल्बेहड़ा (5,911) – 31 लड़के, 39 लड़कियां, कुल 70।
खरौदी (5,906) – 39 लड़के, 48 लड़कियां, कुल 87।
कक्हेड़ी (5,324) – 22 लड़के, 27 लड़कियां, कुल 49।
खरकां (7,225) – 47 लड़के, 57 लड़कियां, कुल 104।
सेरधा (8,464) – 51 लड़के, 59 लड़कियां, कुल 110।
गुहणा (6,802) – 37 लड़के, 42 लड़कियां, कुल 49।
ग्योंग (5,766) – 37 लड़के, 42 लड़कियां, कुल 49।
कुल मिलाकर, टॉप 10 गांवों में 383 लड़कों की तुलना में 487 लड़कियां पैदा हुईं।
सरकारी प्रयासों का असर
कैथल के सीएमओ डॉ. रेनू चावला ने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बेस्ट विलेज अवार्ड योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत लिंगानुपात में अव्वल रहने वाले गांवों की छात्राओं को प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
इस योजना के तहत 10वीं में टॉपर रहने वाली छात्राओं को 75,000, 45,000 और 30,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इन प्रयासों के चलते लिंगानुपात में लगातार सुधार हो रहा है।
लिंगानुपात पर जिला प्रशासन की बैठक
कैथल में लिंगानुपात की स्थिति
जिला स्टैंडिंग कमेटी की बैठक जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में हो चुकी है। उपायुक्त प्रीति ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीएनडीटी, एमटीपी और एआरटी अधिनियम के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
कमेटी उन गांवों पर ध्यान केंद्रित करेगी जहां लिंगानुपात औसत से कम है। इसके साथ ही कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।