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कोरोना के नए वेरिएंट्स पर बूस्टर डोज का प्रभाव: जानें विशेषज्ञ की राय

कोरोना के नए वेरिएंट्स ने वैश्विक स्वास्थ्य पर फिर से चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि पुरानी वैक्सीन और बूस्टर डोज का इन नए वेरिएंट्स पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित व्यक्तियों को वैक्सीन लेने की सलाह दी गई है। जानें बूस्टर डोज के लाभ और इसे लेने के सही समय के बारे में।
 

कोविड अलर्ट:

कोरोना के नए वेरिएंट्स ने कई देशों में प्रभाव डालना शुरू कर दिया है। इनमें NB.1.8.1, JN.1, XFG सीरीज और LF.7 शामिल हैं, जो ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट माने जा रहे हैं। जब कोरोना वायरस ने पहली बार वैश्विक स्तर पर कहर बरपाया था, तब स्वास्थ्य विभागों ने इसकी वैक्सीन विकसित की थी। इसके साथ ही, सभी को बूस्टर डोज लेने की सलाह दी गई थी, खासकर बुजुर्गों के लिए। हालांकि, कुछ लोगों ने इसे लगवाने से परहेज किया। अब सवाल यह है कि क्या नए वेरिएंट पर बूस्टर डोज का असर पड़ेगा? आइए, विशेषज्ञ से जानते हैं।


विशेषज्ञ की राय

झारखंड के मैक्सिलोफेशियल सर्जन और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, डॉ. अनुज कुमार ने बताया कि नए वेरिएंट्स पर भी पुरानी वैक्सीन और बूस्टर डोज का लाभ मिलेगा। इसलिए सभी को कोविड टीकाकरण और बूस्टर डोज लेना चाहिए।


वैक्सीन की प्रभावशीलता

डॉक्टर के अनुसार, वैक्सीन का प्रभाव नए वेरिएंट्स पर भी उतना ही लाभकारी है जितना कि पहले के वेरिएंट्स पर था। बूस्टर डोज और वैक्सीन से इम्यूनिटी में सुधार होता है, जो आपको संक्रमण से बचाता है। इसलिए सभी को वैक्सीन लेना आवश्यक है।


किसके लिए जरूरी है वैक्सीन?

डॉक्टर ने 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन और बूस्टर डोज लेने की सलाह दी है। इसके अलावा, जो लोग अन्य बीमारियों जैसे डायबिटीज या उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं, उन्हें भी वैक्सीन लगवानी चाहिए। इम्यूनिटी से संबंधित समस्याओं से पीड़ित व्यक्तियों के लिए बूस्टर डोज लेना आवश्यक है।


बूस्टर डोज लेने के बाद संक्रमण का जोखिम

विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड की बूस्टर डोज लेने से संक्रमण के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। बूस्टर डोज से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जिससे आप जल्दी बीमार नहीं पड़ते।


बूस्टर डोज का पुनः लेना

बूस्टर डोज को कोई भी दोबारा ले सकता है। इसके लिए गाइडलाइंस के अनुसार, 6 महीने बाद एक और डोज ली जा सकती है। दूसरी डोज के लिए कम से कम 6 महीने का अंतर होना चाहिए। डॉक्टर के अनुसार, किसी भी कंपनी की बूस्टर डोज ली जा सकती है।