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कोरोना के बाद सुनने की क्षमता में कमी का खतरा: नई रिसर्च से खुलासा

कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के साथ, एक नई रिसर्च ने यह खुलासा किया है कि कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों में सुनने की क्षमता में कमी आ सकती है। अध्ययन में 80% लोगों में हियरिंग लॉस की समस्या देखी गई है, जिसमें 30 से 60 वर्ष के लोग अधिक प्रभावित हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समस्या का समाधान संभव है। जानें इस रिसर्च के प्रमुख निष्कर्ष और सुधार की संभावनाएं।
 

कोविड-19 का बढ़ता खतरा

Covid Alert: कोविड-19 के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्तमान में, कोरोना के चार नए वेरिएंट्स का खतरा विशेष रूप से एशियाई देशों में बढ़ता जा रहा है। कोविड-19 वायरस मानव इम्यूनिटी को प्रभावित करता है, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। भारत में, कोरोना के मरीजों की संख्या लगभग 4,000 तक पहुंच गई है। यदि आवश्यक सावधानियां नहीं बरती गईं, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। इस बीच, एक अध्ययन सामने आया है जो बताता है कि कोरोना के बाद लोगों को सुनने में समस्या हो सकती है।


रिसर्च के निष्कर्ष

क्या कहती है रिसर्च?


एक अध्ययन के अनुसार, 80% लोगों में सुनने की समस्या देखी गई है। दिल्ली के बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के ईएनटी विभाग ने इस पर रिसर्च की है। इस अध्ययन में पाया गया कि कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की सुनने की क्षमता में कमी आई है। इसमें 40% लोगों में एक कान से सुनने की क्षमता कम हुई, जबकि 60% लोगों में दोनों कानों से सुनने की क्षमता खत्म हो गई। यह रिसर्च वर्ल्ड वाइड जर्नल ऑफ मल्टीडिसीप्लिनरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट में प्रकाशित हुई है।


विशेषज्ञों की राय

एक्सपर्ट क्या कहते हैं?


अस्पताल के ईएनटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि कोरोना से ठीक होने के बाद सुनने की समस्या वाले मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। इसलिए, उनकी टीम ने एक रिसर्च योजना बनाई, जिसमें 15 मरीजों को शामिल किया गया, जिनमें 9 महिलाएं और 6 पुरुष थे। ये सभी मरीज कोरोना से संक्रमित थे और उनकी रिपोर्ट दो बार निगेटिव आई थी।


किस आयु वर्ग पर प्रभाव

ये लोग ज्यादा प्रभावित हुए


रिसर्च से पता चला है कि 30 से 60 वर्ष के लोगों में कोरोना के गंभीर प्रभाव देखने को मिले हैं, जिससे उनकी सुनने की क्षमता में कमी आई है। इसके अलावा, 30 वर्ष से कम आयु के लोगों में भी सुनने की समस्या देखी गई है।


रिसर्च के प्रमुख बिंदु

रिसर्च में सामने आई ये बातें


अध्ययन के अनुसार, 30 से 60 वर्ष के लोगों में सुनने की समस्या देखी गई है, जिसमें 26.6% लोगों में हल्की परेशानी, 43.3% में मामूली समस्या, 6.6% में मध्यम समस्या और 3.3% में गंभीर सुनने की समस्या पाई गई।



  • 40% लोगों में एक कान से सुनने में दिक्कत देखी गई।

  • 60% लोगों को दोनों कानों से सुनने में समस्या आई।


सुधार की संभावना

एक महीने में आया सुधार


डॉ. पंकज ने बताया कि इस खतरे को देखते हुए मरीजों को कॉर्टिकोस्टेरॉयड न देकर मल्टीविटामिन टैबलेट्स या इंजेक्शन दिए गए, जिससे मरीजों में एक महीने के भीतर सुनने की क्षमता में सुधार देखने को मिला।