कोलकाता के IISER ने कैंसर के खिलाफ विकसित किया फ्रेंडली बैक्टीरिया
महत्वपूर्ण चिकित्सा अनुसंधान में सफलता
कोलकाता: भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) कोलकाता की टीम ने चिकित्सा अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने एक ऐसा “फ्रेंडली बैक्टीरिया” विकसित किया है, जो कैंसर रोगियों के शरीर में सीधे प्रवेश कर प्रभावी और सुरक्षित तरीके से कैंसर से लड़ सकता है।
नवीनतम पहचान प्रणाली का विकास
इसके साथ ही, टीम एक पहचान प्रणाली (Monitoring System) भी तैयार कर रही है, जो उपचार की प्रभावशीलता को ट्रैक कर सकेगी। IISER कोलकाता ने बताया कि ये सभी नवाचार कैंसर के उपचार के लिए एक नई चिकित्सीय और नैदानिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इम्यून सिस्टम को सक्रिय करने की क्षमता
कैंसर के खिलाफ इम्यून सिस्टम को करेगा सक्रिय फ्रेंडली बैक्टीरिया
उनकी परियोजना, जिसका नाम “रीसेट” है, कैंसर उपचार में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक का समाधान करती है। बयान में कहा गया है कि कैंसर अक्सर टी रेगुलेटरी कोशिकाओं (TREG) के पीछे छिपा होता है, जो शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली को दबा देती हैं। इससे इम्यूनोथेरेपी और कीमोथेरेपी जैसी मानक उपचार विधियों की प्रभावशीलता कम हो जाती है।
प्रोबायोटिक्स का निर्माण
आईआईएसईआर, कोलकाता की टीम ट्यूमर का पता लगाने और उसकी गतिविधियों को बाधित करने के लिए प्रोबायोटिक्स का निर्माण कर रही है, जिससे कैंसर के खिलाफ इम्यून सिस्टम फिर से सक्रिय हो सके। सरल शब्दों में, ये छोटे दोस्ताना जीव दवा की तरह कार्य करेंगे, सीधे शरीर में जाकर कैंसर को हराने में मदद करेंगे। इससे उपचार अधिक सुरक्षित और प्रभावी हो सकेगा।
कैंसर जागरूकता पहल
स्कूल और समुदाय में कैंसर जागरूकता पहल
प्रयोगशाला से बाहर निकलकर, छात्रों ने ऑन्कोलॉजिस्ट, सर्जन, कैंसर से बचे लोगों और गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर मानवीय प्रथाओं को अपने डिज़ाइन में शामिल किया है। टीम ने स्कूलों में आउटरीच कार्यक्रम और कैंसर जागरूकता अभियान भी आयोजित किए हैं।
iGEM 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व
iGEM 2025 में भारत का करेगी प्रतिनिधित्व IISER कोलकाता की टीम
टीम ने कहा कि इंजीनियर्ड बैक्टीरिया के साथ Tregs मार्ग को लक्षित करके, वे कैंसर चिकित्सा की एक नई श्रेणी लाने की उम्मीद कर रहे हैं, जो कैंसर के इलाज के तरीके में क्रांति ला सकती है। IISER, कोलकाता के 11 स्नातक छात्रों की टीम इस साल अक्टूबर में पेरिस में आयोजित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय जेनेटिकली इंजीनियर्ड मशीन (iGEM) ग्रैंड जंबोरी 2025 में अपने संस्थान और भारत का प्रतिनिधित्व करेगी।