कोलन कैंसर: युवाओं में बढ़ती समस्या और इसके लक्षण
कोलन कैंसर का परिचय
कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो विश्वभर में लोगों को प्रभावित करती है। यह समस्या भारत में भी तेजी से बढ़ रही है। कैंसर के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें ब्रेस्ट, लंग्स और कोलन कैंसर शामिल हैं। कोलन कैंसर को सबसे गंभीर माना जाता है, खासकर युवाओं में। हाल ही में, प्रसिद्ध टीवी अभिनेता विभु राघवे ने इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवाई। उनकी तस्वीरें और उनके निधन के बाद के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जो सभी को गहरे सदमे में डाल रहे हैं।
विभु राघवे का कैंसर से संघर्ष
विभु की उम्र केवल 37 वर्ष थी और वह पिछले तीन वर्षों से कैंसर का इलाज करा रहे थे। उनके मित्रों ने उनके इलाज के लिए धन जुटाने की कोशिश की, लेकिन अब वह सभी को छोड़कर चले गए। विभु को कोलन कैंसर था, जो उनकी कम उम्र में ही उन्हें प्रभावित कर गया। यह सवाल उठता है कि क्या वास्तव में कैंसर युवाओं को अधिक प्रभावित कर रहा है।
कोलन कैंसर क्या है?
कोलन कैंसर पेट का एक प्रकार का कैंसर है, जो बड़ी आंतों में उत्पन्न होता है। इसे पॉलीप्स भी कहा जाता है, जो अनियंत्रित सेल ग्रोथ के कारण होता है। कोलन, जिसे बड़ी आंत कहा जाता है, पाचन तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
विशेषज्ञों की राय
गुड़गांव के मेदांता अस्पताल की कैंसर विशेषज्ञ डॉ. तेजिंदर कटारिया का कहना है कि यदि कोलन कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों को समय पर पहचान लिया जाए, तो इसका सफल इलाज संभव है। लेकिन यदि इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।
कोलन कैंसर के कारण
कोलन कैंसर का मुख्य कारण अस्वस्थ जीवनशैली है। खराब खानपान, जैसे अत्यधिक एसिडिक और तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन, आंतों की सेहत को प्रभावित करता है। इसके अलावा, शराब, सिगरेट और तंबाकू का सेवन भी इसके जोखिम को बढ़ाता है।
कोलन कैंसर के लक्षण
- मल में रक्त आना।
- मल त्यागने की आदतों में बदलाव।
- पेट में दर्द और वजन में कमी।
- थकान और कमजोरी।
- पेट में सूजन और भारीपन।
- बार-बार दस्त आना।
कोलन कैंसर का उपचार
डॉ. हर्ष शाह, एक कोलोरेक्टल सर्जन, बताते हैं कि पहले यह कैंसर 50 वर्ष की आयु के बाद होता था, लेकिन अब यह कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिल रहा है। यदि परिवार में किसी को 50 वर्ष से कम आयु में कोलन कैंसर हुआ है, तो अन्य सदस्यों में भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके उपचार में सर्जरी, कीमोथैरेपी, रेडिएशन और इम्यूनोथेरेपी शामिल हो सकते हैं।
बचाव के उपाय
कोलन कैंसर से बचने के लिए जीवनशैली में सुधार करना आवश्यक है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और धूम्रपान-शराब से परहेज करना चाहिए। रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड्स से दूरी बनाएं और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। 45 वर्ष की आयु के बाद साल में एक बार कोलन कैंसर की जांच कराना चाहिए।