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क्या बर्फ के पानी में हाथ डालने से माइग्रेन में राहत मिलती है?

सोशल मीडिया पर बर्फ के पानी में हाथ डालने के नुस्खे की चर्चा हो रही है, जो माइग्रेन के दर्द में राहत देने का दावा करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह उपाय कुछ लोगों के लिए प्रभावी हो सकता है। जानें कैसे यह घरेलू उपाय काम करता है, इसके फायदे और इसे अपनाने का सही तरीका। क्या यह सच में असरदार है? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

सोशल मीडिया पर वायरल नुस्खा

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से फैल रहा है, जिसमें यह दावा किया गया है कि बर्फ के पानी में हाथ डालने से माइग्रेन के दर्द में राहत मिलती है। लाखों लोग इस घरेलू उपाय को आजमा रहे हैं। लेकिन क्या यह सच में प्रभावी है या सिर्फ एक ट्रेंड? आज हम इस दावे की सच्चाई पर चर्चा करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपाय कई लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, बशर्ते इसे सही तरीके से किया जाए।


माइग्रेन का दर्द और इसके प्रभाव

यदि आप भी माइग्रेन से पीड़ित हैं, तो आप जानते हैं कि यह सिरदर्द न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक ऊर्जा और मूड पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बर्फ के ठंडे पानी में हाथ डालने से माइग्रेन का दर्द कुछ ही मिनटों में कम हो सकता है? यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन बर्फ का ठंडा पानी नसों को अस्थायी रूप से संकुचित कर देता है, जिससे सिर में रक्त प्रवाह और दबाव कम होता है।


दर्द को कम करने का तरीका

यह उपाय न केवल माइग्रेन के दर्द को कम करता है, बल्कि मस्तिष्क के दर्द को भी भटकाने में मदद करता है, जिससे रिलैक्सेशन सिग्नल भेजे जाते हैं। इसलिए कई महिलाएं इसे 'नेचुरल पेनकिलर थेरेपी' भी कहती हैं। यदि आप बिना दवा के राहत चाहती हैं, तो यह तरीका आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इस लेख में हम बताएंगे कि यह उपाय कैसे काम करता है और इसे अपनाने का सही तरीका क्या है।


ब्लड वेसल्स का संकुचन

जब आप अपने हाथों को ठंडे पानी में डालते हैं, तो शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं, जिसे Vasoconstriction कहा जाता है। माइग्रेन के दौरान सिर की नसें फैल जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह और दबाव बढ़ता है, और दर्द होता है। हाथों की नसों के सिकुड़ने से शरीर का सर्कुलेशन बदल जाता है, जिससे सिर का दबाव कम होता है और दर्द में राहत मिलती है।


ब्रेन का ध्यान भटकाना

जब शरीर ठंडे पानी के संपर्क में आता है, तो यह मस्तिष्क को नया सिग्नल भेजता है। मस्तिष्क अब दर्द पर नहीं, बल्कि उस ठंडक पर ध्यान केंद्रित करता है। यह एक प्रकार की नेचुरल डिस्ट्रैक्शन थेरेपी है, जिससे मस्तिष्क को अस्थायी राहत मिलती है और माइग्रेन का प्रभाव कम हो जाता है।


'फील गुड' हार्मोन्स का स्राव

जब शरीर अचानक ठंड के संपर्क में आता है, तो यह एंडोर्फिन्स हार्मोन रिलीज करता है, जो शरीर के प्राकृतिक पेनकिलर कहलाते हैं। ये हार्मोन दर्द को कम करने के साथ-साथ मूड को बेहतर बनाने और शरीर को रिलैक्स करने में मदद करते हैं। इस उपाय से न केवल माइग्रेन में, बल्कि तनाव और थकान में भी राहत मिलती है।


इस्तेमाल का सही तरीका

एक बर्तन या टब में ठंडा पानी लें और उसमें बर्फ के टुकड़े डालें। फिर दोनों हाथों को कलाई या कोहनी तक पानी में डुबोएं। एक से पांच मिनट तक हाथों को पानी में रखें। यदि इस दौरान आपको सिरदर्द में राहत महसूस होती है, तो हाथ बाहर निकाल लें और शरीर को धीरे-धीरे गर्म होने दें। इस नुस्खे को आप माइग्रेन के शुरुआती लक्षणों के दौरान आजमा सकती हैं।


सावधानियां

बर्फ के पानी में अधिक देर तक हाथ न रखें, अन्यथा इससे त्वचा में सुन्नपन या जलन हो सकती है। यदि आपको कोल्ड एलर्जी या रक्तचाप की समस्या है, तो पहले डॉक्टर से सलाह लें। बच्चों और बुजुर्गों को यह उपाय नहीं करना चाहिए।