क्रोनिक फटीग सिंड्रोम: लक्षण और कारणों की जानकारी
क्रोनिक फटीग सिंड्रोम क्या है?
काम के बाद थकान महसूस करना सामान्य है, लेकिन जब आप अधिक मेहनत नहीं कर रहे हैं फिर भी लगातार थकान का अनुभव करते हैं, तो यह एक गंभीर समस्या हो सकती है। यह स्थिति क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (CFS) के संकेत हो सकती है। यह थकान सामान्य थकान से भिन्न होती है, क्योंकि यह कई महीनों तक बनी रहती है और आराम करने से भी ठीक नहीं होती। इस लेख में, हम इस बीमारी के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
क्रोनिक फटीग सिंड्रोम के कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, क्रोनिक फटीग सिंड्रोम के कारण अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुए हैं। यह कभी-कभी वायरल संक्रमण, अत्यधिक मानसिक या शारीरिक तनाव, या किसी अन्य बीमारी के बाद विकसित हो सकता है। इस बीमारी का कोई विशेष परीक्षण नहीं होता, और डॉक्टर इसके लक्षणों के आधार पर पहचान करते हैं। हाल के अध्ययनों से पता चला है कि कुछ आनुवंशिक कारक भी इस स्थिति में योगदान कर सकते हैं। इसके अलावा, कोविड-19 के बाद भी कई लोगों में इस सिंड्रोम के लक्षण देखे जा रहे हैं।
क्रोनिक फटीग सिंड्रोम के लक्षण
यदि कोई व्यक्ति लगातार 6 महीने से अधिक समय तक थकान महसूस करता है, तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है। इससे ऑफिस जाने, काम करने या दोस्तों से मिलने में कठिनाई हो सकती है।
जो कार्य पहले आसानी से किए जाते थे, अब वही कार्य करने पर थकान या तबियत खराब होने का अनुभव होता है। इससे उबरने में भी काफी समय लग सकता है।
यदि आप रातभर सोने के बाद भी तरोताजा महसूस नहीं करते हैं, उल्टी, थकान और बार-बार नींद आने की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो यह भी एक संकेत हो सकता है।
कभी-कभी दिमाग सुस्त लगता है, बोलने में कठिनाई होती है, या बातें याद नहीं रहती हैं। यह स्थिति सोने और ध्यान केंद्रित करने में भी बाधा डाल सकती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस बीमारी का प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग होता है; कुछ लोग अधिक गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं, जबकि अन्य सामान्य गतिविधियों को जारी रख सकते हैं।