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खर्राटे: क्या यह आपकी सेहत के लिए खतरा है? जानें इसके गंभीर प्रभाव

खर्राटे को अक्सर एक सामान्य समस्या समझा जाता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार खर्राटे लेना कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है, जैसे हृदय की विफलता और उच्च रक्तचाप। इस लेख में जानें कि खर्राटे क्यों खतरनाक हैं, इसके संभावित स्वास्थ्य प्रभाव क्या हैं, और कब आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
 

खर्राटों की अनदेखी न करें


नई दिल्ली: कई लोग खर्राटों को एक सामान्य समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। यदि आपके साथी या परिवार में कोई व्यक्ति रातभर तेज खर्राटे लेता है और इससे आपकी नींद प्रभावित होती है, तो इसे हल्के में लेना गलत है। विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार खर्राटे लेना कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है, जो समय पर ध्यान न देने पर हृदय की विफलता, स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।


अक्सर घरों में खर्राटों पर मजाक किया जाता है, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट्स यह दर्शाती हैं कि तेज और लगातार खर्राटे आपके शरीर में चल रही गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकते हैं। इसलिए डॉक्टर इस समस्या की अनदेखी करने के बजाय समय पर जांच कराने की सलाह देते हैं।


विशेषज्ञों की राय

एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?


विशेषज्ञ हमेशा चेतावनी देते हैं कि लगातार और रुक-रुक कर आने वाले खर्राटों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तेज खर्राटे, हांफना या सांस रुकना ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) का संकेत हो सकता है। इसका इलाज उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और हृदय की विफलता के जोखिम को कम करता है और नींद और दिनचर्या में सुधार लाता है।


खर्राटे और स्वास्थ्य समस्याएं

ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया का संकेत हो सकते हैं खर्राटे


डॉक्टरों का कहना है कि हल्के खर्राटे सामान्य हो सकते हैं, लेकिन यदि ये लगातार और तेज हों, तो यह ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया का स्पष्ट संकेत है। ओएसए एक ऐसी स्थिति है जिसमें नींद के दौरान सांस लेने में रुकावट आती है, और इसे समय पर न संभाला जाए तो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।


खर्राटे क्यों हैं खतरनाक? जानिए इससे होने वाले गंभीर जोखिम


1. दिल पर बढ़ता है दबाव


नींद के दौरान सांस लेने में कठिनाई से हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है। ऑक्सीजन की कमी स्ट्रोक की संभावना को भी बढ़ाती है।


2. नींद पूरी नहीं हो पाती


ओएसए से ग्रस्त लोग बार-बार खर्राटों से जाग जाते हैं, जिससे उनकी नींद अधूरी रह जाती है। इससे थकान, चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है, जो कई बार सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।


3. मानसिक स्वास्थ्य पर असर


अधूरी नींद के कारण ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, मूड स्विंग, याददाश्त में कमी और अवसाद जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।


4. हाई ब्लड प्रेशर की आशंका


ऑक्सीजन की कमी के कारण दिल को रक्त पंप करने में कठिनाई होती है, जिससे लंबे समय में उच्च रक्तचाप स्थायी समस्या बन सकता है।


कब तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें?

कब तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए?



  • अगर खर्राटों के साथ ये लक्षण दिखें, तो तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें


  • सोते समय सांस रुकने का अहसास होना


  • दिनभर अत्यधिक उनींदापन


  • ध्यान केंद्रित करने में परेशानी


  • सुबह सिरदर्द


  • उठने पर गले में खराश


  • पर्याप्त नींद के बाद भी थकान


  • हाई बीपी


  • रात में सीने में दर्द


  • बच्चों के मामले में तेज खर्राटे और स्कूल में परफॉर्मेंस गिरना



स्वास्थ्य संबंधी सलाह

Disclaimer:- इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है. किसी भी तरह की हेल्थ रूटीन शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशन एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें.