गहरी नींद पाने के लिए अपनाएं ये चार सरल आदतें
अनिद्रा की समस्या और समाधान
नई दिल्ली: आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में अनिद्रा एक सामान्य समस्या बन गई है। रात की नींद का न आना न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि मानसिक तनाव को भी बढ़ाता है। ऐसे में कुछ सरल उपायों को अपनाकर गहरी और सुकून भरी नींद हासिल की जा सकती है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, आयुर्वेद और जीवनशैली में बदलाव करके न केवल गहरी नींद प्राप्त की जा सकती है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य में भी सुधार किया जा सकता है। केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) के वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि अनिद्रा को जीवनशैली में बदलाव, आयुर्वेदिक उपायों, संतुलित आहार और सचेतन प्रथाओं के माध्यम से प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। मंत्रालय ने अनिद्रा से निपटने के लिए चार सरल आदतों को अपनाने की सलाह दी है।
इन चार आदतों में से पहली है, रात में कैफीन से बचना। चाय और कॉफी जैसे कैफीन युक्त पेय नींद को प्रभावित करते हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि शाम के बाद कैफीन का सेवन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। इसके बजाय, हर्बल चाय जैसे कैमोमाइल या अश्वगंधा युक्त दूध का सेवन करना फायदेमंद होता है।
दूसरी आदत है योग और गहरी सांस लेने की तकनीक। योग और प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम और भ्रामरी तनाव को कम करने और मन को शांत करने में मदद करते हैं। रोजाना 10-15 मिनट का योग, विशेषकर शवासन या बालासन, नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है। गहरी सांस लेने की तकनीक मस्तिष्क को ऑक्सीजन प्रदान करती है, जिससे नींद जल्दी आती है।
तीसरी आदत है निश्चित समय पर सोना। नियमित नींद का समय निर्धारित करना अनिद्रा को दूर करने का एक प्रभावी तरीका है। रोजाना एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालें। यह शरीर की जैविक घड़ी को संतुलित करता है और नींद के चक्र को नियमित करता है।
अंत में, सिर और पैरों की हल्की मालिश करना भी लाभकारी है। आयुर्वेद के अनुसार, सोने से पहले सिर और पैरों की तिल, सरसों या नारियल तेल से मालिश करने से तनाव कम होता है और रक्त संचार बेहतर होता है। यह न केवल अच्छी नींद में मदद करता है, बल्कि शरीर को भी रिलैक्स करता है।