गिलोय का काढ़ा बनाने की विधि: इम्यूनिटी बढ़ाने का प्राकृतिक उपाय
गिलोय का काढ़ा: एक स्वास्थ्यवर्धक उपाय
देश में कोरोना वायरस के मामलों में फिर से तेजी आई है, विशेषकर दिल्ली, केरल, उत्तर प्रदेश और गुजरात में। वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या 6,133 है, और पिछले 24 घंटों में 6 लोगों की मृत्यु हुई है।
इस बार ओमिक्रोन का नया वेरिएंट NB.1.8.1 चर्चा में है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निगरानी में रखा गया है। हालांकि यह लहर पहले जैसी गंभीर नहीं है, फिर भी सावधानी बरतना आवश्यक है। ऐसे में, अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना सबसे प्रभावी उपाय है।
आयुर्वेद में गिलोय को इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है। इसका काढ़ा नियमित रूप से पीने से शरीर वायरस से लड़ने में सक्षम होता है। गिलोय, जिसे आयुर्वेद में 'अमृता' कहा जाता है, न केवल रोगों से बचाता है, बल्कि पाचन में सुधार करता है, सूजन को कम करता है, और मौसमी रोगों जैसे सर्दी-खांसी से राहत प्रदान करता है।
गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए, 4-5 इंच की ताजा डंडी या आधा चम्मच पाउडर, तुलसी, अदरक, और काली मिर्च को दो गिलास पानी में उबालें और इसे आधा होने तक पकाएं। इसे सुबह खाली पेट पिएं।
हालांकि गिलोय का काढ़ा प्राकृतिक और सुरक्षित है, गर्भवती महिलाओं और दवाइयों पर निर्भर व्यक्तियों को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अधिक मात्रा से बचें और गर्म प्रकृति वाले लोगों को अदरक और काली मिर्च की मात्रा कम रखनी चाहिए।
यह काढ़ा न केवल कोरोना से बचाव में सहायक होगा, बल्कि आपके समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएगा। इस जानकारी को दूसरों के साथ साझा करें, लेकिन किसी भी नए उपाय को अपनाने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।