गिलोय के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ: जानें कैसे बढ़ाए इम्यूनिटी
गिलोय: एक आयुर्वेदिक चमत्कार
हेल्थ कार्नर: आयुर्वेद में गिलोय, जिसे अमृता भी कहा जाता है, का उपयोग विभिन्न बीमारियों के उपचार में किया जाता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। आइए, इसके फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
कैंसर:
गिलोय का सेवन कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी के दुष्प्रभावों को कम करने में मदद करता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता है। इसके 20-50 मिली रस का सेवन सुबह-शाम खाली पेट करने से पाचन में सुधार होता है और रक्त कणिकाओं की कमी को दूर किया जा सकता है।
गिलोय के तने, पत्तियों और जड़ों का उपयोग ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करने में किया जा सकता है। इसके पत्तों का 3 ग्राम चूर्ण या 250 मिली रस लेने से डायबिटीज से संबंधित अन्य समस्याओं का खतरा कम होता है।
आर्थराइटिस:
गिलोय को सौंठ और अदरक के साथ मिलाकर उपयोग करने से राहत मिलती है। गिलोय से बनी आयुर्वेदिक दवा के साथ इसके पत्तों को हल्का गर्म करके दर्द वाले स्थान पर 15-20 मिनट तक बांधने से आराम मिलता है।
किडनी:
किडनी की समस्याओं में एक चम्मच गिलोय रस का सेवन सुबह-शाम करना फायदेमंद होता है। महिलाएं यूरिन में जलन होने पर गिलोय के साथ पुनर्नवा, गोखरू और वरूण की छाल का चूर्ण ले सकती हैं।
हड्डी टूटने पर:
प्लास्टर के साथ गिलोयवटि या समसमनीवटि गोली लेने से टूटी हड्डी जल्दी जुड़ती है।
सोरायसिस:
गिलोय के पत्तों का लेप प्रभावित स्थान पर नियमित रूप से लगाने से लाभ होता है। इसके साथ कुटकी, कुटज, मंजिष्ठा और नीम की गोलियां भी ली जा सकती हैं।
वायरल इंफेक्शन:
इस स्थिति में लिवर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है, जिससे भूख कम लगती है या पेट में भारीपन महसूस होता है। गिलोय बेल और तुलसी के पत्तों का काढ़ा इस समस्या में सहायक होता है।