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गुजरात के छात्र का वीडियो: यूक्रेनी सेना में कैद, रूस में भर्ती होने की अपील

गुजरात के छात्र साहिल मोहम्मद हुसैन ने एक वीडियो संदेश में यूक्रेनी सेना में अपनी हिरासत की स्थिति साझा की है। उन्होंने भारतीय युवाओं से अपील की है कि वे रूस में भर्ती न हों, क्योंकि उन्हें झूठे ड्रग्स मामले में फंसाकर भर्ती किया गया। साहिल ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है और उनकी मां ने दिल्ली की अदालत में याचिका दायर की है। यह मामला भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और विदेशों में पढ़ाई के दौरान सतर्कता पर गंभीर सवाल उठाता है।
 

यूक्रेनी सेना की हिरासत में गुजरात का छात्र

अहमदाबाद/नई दिल्ली - यूक्रेन में हिरासत में लिए गए गुजरात के छात्र साहिल मोहम्मद हुसैन ने एक वीडियो संदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने भारतीय युवाओं से अपील की है कि वे किसी भी स्थिति में रूसी सेना में शामिल न हों। यह वीडियो सोमवार को सामने आया, जिसने देशभर में चिंता और चर्चा का माहौल पैदा कर दिया है।


साहिल ने वीडियो में आरोप लगाया कि रूस में उन्हें झूठे ड्रग्स मामले में फंसाकर ब्लैकमेल किया गया और इसी दबाव में उन्हें रूसी सेना में भर्ती किया गया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें यूक्रेन में कहां रखा गया है।


ड्रग्स केस के बदले भर्ती का आरोप
साहिल ने गहरे हरे रंग की जैकेट पहने हुए कहा कि वे 2024 में पढ़ाई के लिए रूस गए थे। आर्थिक और वीजा संबंधी समस्याओं के दौरान वे कुछ ऐसे लोगों के संपर्क में आए, जो नशीले पदार्थों के धंधे से जुड़े थे। साहिल का दावा है कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया, फिर भी उन्हें ड्रग्स के झूठे मामले में जेल भेज दिया गया। जेल प्रशासन ने कथित तौर पर कहा कि यदि वे रूसी सेना में शामिल हो जाते हैं, तो उनके खिलाफ मामला वापस ले लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 15 दिन की ट्रेनिंग के बाद उन्हें सीधे युद्ध के मोर्चे पर भेज दिया गया, जहां उन्होंने यूक्रेनी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। वर्तमान में वे यूक्रेनी सुरक्षा बलों की हिरासत में हैं।




भारत सरकार से मदद की गुहार
वीडियो में साहिल ने कहा, “मैं खुद को बेहद असहाय महसूस कर रहा हूं। मुझे नहीं पता आगे क्या होगा। लेकिन रूस जाने वाले सभी भारतीय युवाओं को सावधान रहना चाहिए। यहां ऐसे कई लोग हैं जो आपको झूठे ड्रग्स केस में फंसा सकते हैं।” उन्होंने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि उनकी सुरक्षित घर वापसी के लिए प्रयास किए जाएं और इस मामले को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष उठाया जाए।


मां ने कोर्ट में लगाई गुहार
यूक्रेनी सुरक्षा बलों ने साहिल का वीडियो गुजरात में उनकी मां को भेजा और उनसे रूसी सेना में फंसाए जा रहे भारतीयों के बारे में जागरूकता फैलाने का अनुरोध किया। बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए मां ने दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की है। इस मामले की अगली सुनवाई फरवरी में प्रस्तावित है।


पुतिन के भारत दौरे पर उठा था मुद्दा
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे (4–5 दिसंबर, 2025) के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी सेना में शामिल भारतीयों का मुद्दा उनके सामने उठाया था और सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी की मांग की थी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, फिलहाल कम से कम 44 भारतीय नागरिक रूसी सशस्त्र बलों में फंसे हुए हैं।


सरकार की चेतावनी
5 दिसंबर को विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने स्पष्ट किया था कि भारत सरकार अपने नागरिकों की रिहाई के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने रूस में मौजूद भारतीयों से अपील की कि वे किसी भी तरह के संदिग्ध या गैरकानूनी ऑफर से दूर रहें और किसी समस्या की स्थिति में तुरंत भारतीय दूतावास से संपर्क करें। यह मामला एक बार फिर विदेशों में पढ़ाई या काम के लिए जाने वाले भारतीय युवाओं की सुरक्षा और जागरूकता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है।