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ग्रहों के अशुभ संयोग और हालिया विमान दुर्घटनाएं: ज्योतिषीय विश्लेषण

हाल ही में गुजरात में हुई विमान दुर्घटना ने तकनीकी सवालों के साथ-साथ ज्योतिषीय चर्चाओं को भी जन्म दिया है। इस घटना से पहले ग्रहों के अशुभ संयोग ने कई ज्योतिषियों को चेतावनी देने पर मजबूर किया था। जानें कैसे ये घटनाएं एक-दूसरे से जुड़ी हैं और भविष्य में क्या संभावनाएं बन सकती हैं।
 

ग्रहों का अशुभ संयोग

Mangal Rahu Ashubh Yog: हाल ही में गुजरात में एक भयावह विमान दुर्घटना हुई है, जिसने तकनीकी पहलुओं पर सवाल उठाए हैं। इसके साथ ही, इस घटना की ज्योतिषीय व्याख्याएं भी चर्चा का विषय बनी हुई हैं। दुर्घटना से पहले ग्रहों के अशुभ संयोग ने ज्योतिषियों को चौंका दिया। सोशल मीडिया और कई ज्योतिषियों ने पहले ही मंगल, राहु, केतु और शनि के खतरनाक योग के बारे में चेतावनी दी थी। कहा जा रहा था कि ये ग्रह युद्ध, हिंसा और आगजनी जैसी घटनाओं को जन्म देते हैं। हाल के हफ्तों में देश और दुनिया में घटित घटनाएं इस भविष्यवाणी को सच साबित करती दिख रही हैं.


पहलगाम हमले के बाद हुआ प्लेन क्रैश

29 मार्च को शनि के गोचर के साथ घटनाओं की श्रृंखला शुरू हुई। अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादी हमला हुआ। इसके बाद 14 मई को गुरु का गोचर और 18 मई को राहु-केतु का गोचर तनाव को और बढ़ा दिया। इस दौरान भारत-पाकिस्तान सीमा पर युद्ध जैसे हालात बन गए।


खप्पर योग का खतरा

कितना खतरनाक है खप्पर योग?

15 मार्च से 12 जून तक खप्पर योग बना रहा, जिसे सबसे अशुभ योग माना जाता है। 7 जून से शनि और मंगल का षडाष्‍टक योग भी शुरू हुआ, जो 28 जुलाई तक सक्रिय रहेगा। इसी बीच 12 जून को एयर इंडिया का विमान आग का गोला बन गया, जिसमें 250 से अधिक लोगों की जान चली गई।


28 जुलाई तक बना रहेगा खतरा

28 जुलाई तक बना रहेगा खतरा

अब चिंता इस बात की है कि 28 जुलाई तक यह योग सक्रिय रहेगा और 11 जुलाई से 7 अक्टूबर तक दोबारा खप्पर योग बनने वाला है। ज्योतिषियों के अनुसार, यह काल और भी बड़ी घटनाओं का संकेत दे सकता है। ऐसे में लोगों से सतर्क और सजग रहने की अपील की जा रही है.