चंडीगढ़ में मोटापे की समस्या: 32% पुरुष और 41.4% महिलाएं प्रभावित
मोटापा: एक हार्मोनल चुनौती
मोटापा एक हार्मोनल समस्या है, जो शरीर में लगभग 100 अन्य बीमारियों को जन्म देती है। इनमें सबसे अधिक डायबिटीज, हृदय रोग, फैटी लिवर, उच्च रक्तचाप और 13 प्रकार के कैंसर शामिल हैं। नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे के अनुसार, चंडीगढ़ में 32% पुरुष और 41.4% महिलाएं मोटापे से ग्रस्त हैं। यह समस्या विशेष रूप से 15 से 49 वर्ष की आयु के लोगों में अधिक देखी जा रही है। यह जानकारी एंडोक्राइन सोसाइटी ऑफ इंडिया की मिड ईयर कॉन्फ्रेंस में सोसाइटी के अध्यक्ष ले. जनरल नरेंदर कोटवाल ने साझा की।
डायबिटीज और अन्य बीमारियों से बचाव के उपाय
डॉ. कोटवाल ने बताया कि डायबिटीज और उससे जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए 'ईट लैस, वॉक मोर और मोर स्माइल' का फॉर्मूला अपनाना चाहिए। हंसने से तनाव हार्मोन कम होते हैं। यह सम्मेलन एक निजी होटल में आयोजित किया गया, जिसमें देशभर से 500 डॉक्टरों ने भाग लिया।
चंडीगढ़ में बढ़ती डायबिटीज की समस्या
इस सम्मेलन में चंडीगढ़ में बढ़ते डायबिटीज के मामलों पर चिंता व्यक्त की गई। सोसाइटी के आयोजक सचिव डॉ. सचिन मित्तल और डॉ. गगन प्रिया ने बताया कि आईसीएमआर के आंकड़ों के अनुसार, चंडीगढ़ में 13.6% लोग डायबिटीज से प्रभावित हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 11.4% है। पीजीआई के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. संजय बडाडा ने कहा कि चंडीगढ़ में डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं।
स्वास्थ्य जांच का महत्व
लोगों को नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए ताकि यदि डायबिटीज का खतरा हो, तो समय पर उपचार शुरू किया जा सके। पीजीआई के डायबिटिक फुट केयर विशेषज्ञ डॉ. आशु रस्तोगी ने भी इस पर अपने विचार साझा किए। महिलाओं में मोटापे के बढ़ने के कारणों पर चर्चा करते हुए, डॉ. ने सुझाव दिया कि खाली पेट और खाने के बाद दोनों समय शुगर की जांच करनी चाहिए।
महिलाओं में मोटापे का बढ़ता खतरा
डॉ. गगन प्रिया ने बताया कि महिलाओं में मोटापे का मुख्य कारण उनके खान-पान और शारीरिक गतिविधियों की कमी है। गर्भावस्था के दौरान अधिक घी और पंजीरी का सेवन भी मोटापे और डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा रहा है।
दवाओं का बढ़ता उपयोग
पीजीआई के पूर्व प्रमुख प्रो. अनिल भंसाली ने कहा कि अब मोटापे के कारण होने वाली बीमारियों में डायबिटीज सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि कई विदेशी दवाएं बाजार में आई हैं, जो मोटापे को कम करने में मदद करती हैं। अमेरिका में आधी आबादी इन दवाओं का उपयोग कर रही है।
इंसुलिन के नए विकल्प
डॉ. भंसाली ने बताया कि जल्द ही बाजार में वीकली इंसुलिन उपलब्ध होगी, जिससे डायबिटीज के मरीजों को रोजाना इंसुलिन लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा, डॉ. सचिन मित्तल ने बताया कि ऑनलाइन फूड डिलीवरी के माध्यम से आने वाले गर्म खाने में हानिकारक रसायनों का विकास हो रहा है, जो मोटापे, थायरॉइड, पीसीओडी, और कैंसर का कारण बन सकते हैं।