चीन में SCO Summit 2025: पीएम मोदी का स्वागत, भारत-चीन संबंधों में नई उम्मीदें
SCO Summit 2025 में पीएम मोदी का दौरा
SCO Summit 2025: चीन ने शुक्रवार को घोषणा की है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी दौरे का स्वागत करता है। पीएम मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर के बीच चीन के तियानजिन में आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह यात्रा भारत-चीन संबंधों में हालिया सुधार का संकेत है और इस दौरान दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
चीन का स्वागत और सम्मेलन की उम्मीदें
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि चीन पीएम मोदी का एससीओ तियानजिन शिखर सम्मेलन में स्वागत करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी पक्षों के सामूहिक प्रयासों से यह सम्मेलन एकता, मित्रता और सकारात्मक परिणामों का प्रतीक बनेगा। एससीओ उच्च-गुणवत्ता वाले विकास के नए चरण में प्रवेश करेगा, जिसमें अधिक एकजुटता, समन्वय, गतिशीलता और उत्पादकता शामिल होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएम मोदी का चीन दौरा जापान की यात्रा से भी जुड़ सकता है, जहां वे प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ द्विपक्षीय शिखर बैठक करेंगे।
2018 के बाद पीएम मोदी की पहली चीन यात्रा
पीएम मोदी ने आखिरी बार 2018 में चीन का दौरा किया था। उस समय उन्होंने अप्रैल में वुहान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अनौपचारिक शिखर बैठक की थी और जून में चिंगदाओ में एससीओ सम्मेलन में भाग लिया था। इसके बाद 2019 में शी जिनपिंग भारत आए थे, जो 2017 के डोकलाम गतिरोध के बाद रिश्तों को सामान्य करने की कोशिश थी।
सीमा विवाद और 2024 की सहमति
2020 में लद्दाख क्षेत्र में एलएसी पर झड़प और गलवान घाटी में संघर्ष के बाद, दोनों देशों के रिश्ते छह दशकों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे। हालांकि, 21 अक्टूबर 2024 को दोनों पक्षों ने एलएसी गतिरोध समाप्त करने पर सहमति बनाई और दो दिन बाद रूस के कजान में मोदी-शी की मुलाकात में रिश्ते सामान्य करने और सीमा विवाद सुलझाने के लिए कई तंत्रों को बहाल करने पर सहमति हुई।
मोदी-शी बैठक की संभावनाएं
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक की संभावना है। इस बैठक में एलएसी पर तनाव कम करने, सीधी उड़ानों की बहाली, सीमा व्यापार बिंदुओं को फिर से खोलने और लोगों के बीच आदान-प्रदान जैसे मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है।