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छत्तीसगढ़ में एमबीबीएस छात्र की आत्महत्या: पढ़ाई का दबाव बन सकता है कारण

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक 24 वर्षीय एमबीबीएस छात्र हिमांशु कश्यप ने अपने हॉस्टल में आत्महत्या कर ली। पुलिस ने घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें छात्र ने अपने माता-पिता से माफी मांगी है। यह घटना छात्रों पर पढ़ाई के दबाव और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर गंभीर सवाल उठाती है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे के कारण।
 

छत्तीसगढ़ में एमबीबीएस छात्र की आत्महत्या

छात्र की आत्महत्या का मामला: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से एक दुखद घटना सामने आई है। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के पहले वर्ष के एमबीबीएस छात्र हिमांशु कश्यप, जिसकी उम्र 24 वर्ष थी, ने अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार, शनिवार को उनका शव कमरे से बरामद किया गया।


शनिवार की सुबह हिमांशु परीक्षा में शामिल नहीं हुआ। जब उसके सहपाठियों ने उसे खोजने की कोशिश की, तो उनका कमरा अंदर से बंद मिला। दरवाजा कई बार खटखटाने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर छात्रों ने दरवाजा तोड़ दिया। अंदर का दृश्य देखकर सभी चौंक गए, हिमांशु का शव फंदे पर लटका हुआ था।


सुसाइड नोट की खोज

सुसाइड नोट मिला


पुलिस ने घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है, जिसमें लिखा था, 'मुझसे नहीं हो पाया… आई एम सॉरी पापा।' इस संक्षिप्त संदेश ने पूरे कॉलेज और परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। कॉलेज के डीन डॉ. केके साहारे ने बताया कि हिमांशु ने 2024 में अपने पहले वर्ष की परीक्षा में असफलता का सामना किया था और इस वर्ष वह पुनः परीक्षा दे रहा था। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, पढ़ाई और परीक्षा का दबाव उसकी आत्महत्या का कारण हो सकता है।


पुलिस की कार्रवाई

पुलिस की कार्रवाई


घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल इसे आकस्मिक मौत के रूप में दर्ज किया गया है। आगे की जांच से ही असली वजह सामने आएगी।


छात्र जीवन पर विचार

छात्र जीवन पर सवाल


इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि मेडिकल और प्रोफेशनल कोर्सेज में छात्रों पर मानसिक दबाव कितना भारी पड़ता है। हर साल सैकड़ों छात्र असफलता और तनाव के कारण डिप्रेशन या आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं।